"Hello people,
We are going to feature a short poetic comic on our page. This is an online comic and will be free and available for all.You can read it by going on our Fb page.
Kudos to immensly talented Mohit Sharma and his co-artists for developing this unique style of comic book art.
Here we go with the first glimpse and look of "DESH MAANGE MUJHE"
The whole comic will be shared tomorrow"
— with Prince Ayush and Mohit Sharma.
एक क़र्ज़ मेरे ऊपर जो बोलता नहीं, सूखी है जिसकी आँखें मुंह खोलता नहीं।
आईने के उस पार से जो झांकता परे, खुद से किसी गिरह को पर खोलता नहीं।
ख्वाबो में जबरन झरोखे बना लिये, पहली दफा देखी बेशर्म पर्दानशीं।
दुनिया-जहान की बातों को तरजीह मिल गयी, उन तमाम बातों में वतन का नामोनिशां नहीं।
अपनी ही कश्मकश में ज़िन्दगी गुज़ार दी, मुल्क की शिकन को कोई तोलता नहीं।
इंसाफी मुजस्मा शर्मसार झुक गयी, किस्मत को कोसती मुझसे कहने लगी
पाबंदी है यह कैसी...मैं कुछ देखती नहीं और तू कुछ बोलता नहीं !
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