...is "Celebrating (un)Common Creativity!" Fan fiction, artworks, extreme genres & smashing the formal "Fourth wall"...Join the revolution!!! - Mohit Trendster

Tuesday, August 25, 2015

श्रीमान सुविधानुसार - मोहित शर्मा (ट्रेंडस्टर) #laghukatha


श्रीमान सुविधानुसार...वैसे तो आमजन की तरह ही हर बात में अपनी सुविधा देखते थे पर दूसरो को शॉर्टकट मारते या कुछ गलत करते हुए देख, दुख और घृणा से बड़े कायदे में सर हिलाते या आपत्ति जताते थे। हाँ, स्वयं वैसा करने पर एक बार भी खुद को नहीं रोकते और पकडे जाने पर अनेक बहाने तैयार रखते। घर पर शनिवार के दिन प्याज जैसे तामसिक पदार्थ के भूलवश खाने में आ जाने पर श्रीमती जी को कानफाडू डेसीबल्स में डांट पिलाई। रोज़मर्रा में ऐसी माइक्रोस्कोपिक गलतियां कुत्ते की चपलता से ढूंढकर बिना वजह क्लेश करने में पेशेवर थे श्री सुविधानुसार जी। चाहे वो कुछ ना बोलें, अपने किसी काम  व्यस्त हों या सो रहे हो पर उनके घर में होने से श्रीमती जी का मंन परेशान ही रहता था कि ना जाने अब कौन सी बात पकड़ लें उनके पति। 

ऑफिस के मित्रों संग श्रीमान गोलगप्पे खाने आये और जैसे बड़े-बुज़ुर्ग कहते है यहाँ किये गलत काम की सज़ा यहीं मिलती है। जो पहला आलू-प्याज-मसालों से भरा पानी बताशा स्वाद की लपलपाहट में श्रीमान जी ने हपक के चाबा, लाखो में एक गोलगप्पे की अतिसख्त सूजी की पापड़ी इनके तालु में ऐसे कोण पर घुसी की खून के स्वाद से भर गया इनका मुहँ। रात में इस घाव को भरने के लिए हल्दी का दूध पीने के लिए एक गिलास उठाते वक़्त वो रैक में काफी पीछे रखे गिलास पर लगी ज़रा सी बर्तन मांझने की साबुन पर श्रीमती जी को ऊँचे स्वर में कोसने लगे। फिर सुविधानुसार झूठा गिलास ज़रा सा उचक कर सिंक में रखने के बजाये रैक में ही रख दिया। 

- मोहित शर्मा (ज़हन) 
#mohitness #mohit_trendster #trendybaba

No comments:

Post a Comment