कभी जो छुपे अपराध और अपराधियों को पकड़ लेता था....आज अपने सामने हो रहे जघन्य अपराधो को अनदेखा कर रहा है..कभी जो फ़र्ज़ के लिए मर मिटने को तत्पर रहता था....आज अपने सामने मासूमो को मरते देख रहा है..क्या अंधा हो गया है हमारा रक्षक??
"राजनगर दैनिक" की पहले पन्ने की मुख्य खबर.
सरफिरा हुआ राजनगर का रखवाला..
राजनगर की फ़र्ज़ की मशीन कहे जाने वाले सुपर कॉप इंस्पेक्टर स्टील के व्यव्हार मे कल अजीब सा बदलाव देखा गया. वो बड़े अपराधो को नज़रंदाज़ करते हुए मामूली अपराध मे दोषी लोगो को पकड़ने मे जी-जान से लगे हुए थे. कल शहर भर मे जुम्बा नामक अपराधी और उसके गैंग का आतंक रहा. उस गैंग के लूट-पाट, हत्या, अपहरण, जैसे कुछ संगीन अपराध तो खुद इंस्पेक्टर स्टील के सामने हुए....पर इंस्पेक्टर स्टील साधारण यातायात नियमो को तोड़ने वाले व्यक्तियों के चालान काटने मे मशगूल रहे. यहाँ तक की उनके डर से उनसे बचकर भागते बाइक सवार एक युवक की बाइक के टायरों पर इंस्पेक्टर स्टील ने गोलियां चलायी जिस वजह से संतुलन खोकर वो बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया. खबर ये भी मिली है की सार्वजनिक स्थानों पर बहस करते या धूम्रपान करते लोगो से उन्होंने भारी चालान लिया और चालान का भुगतान ना करने वालो को तुंरत गिरफ्तार कर लिया. कल की घटनाओ से शुब्ध राजनगर के डिप्टी कमिशनर श्री राघव राम ने इंस्पेक्टर स्टील को बर्खास्त करने की सिफारिश करते हुए पुलिस मुख्यालय मे अपनी रिपोर्ट सोंपी है. सम्बंधित चित्र, खबरें और इस मामले मे विशेषज्ञों की राय स्थानीय पन्ने पर देखे.
No comments:
Post a Comment