नील शर्मा के एडिटर दोस्त आये,
'नमस्ते!' बोलते ही ठंडा - गरम खाने को जीभ लप लप हुए जाए.
अब पूछेंगे सब का बायोडाटा,
अरे, कोई समझायो इन्हें, खुद का लड़का पांचवीं फेल फिर भी दूसरों का ही छापना होता है परचा.
फटाक से बोल पड़े, 'कहाँ है आपका छोटा बेटा?'
'जी, वो कविता लिख रहा है', आया जवाब,
'उसकी उम्र क्या है?'
'अभी ६ के हुए हैं छोटे नवाब!'
'क्लास में भी आता है फर्स्ट या कविता लिखना ही है उसका इंटरेस्ट?'
'जी, उसे तो ना द्राविड या दादा बनने की है चिंता...
लोलीपोप मुंह में दबाये लिखता रहता है कविता!'
'यह तो हो गया ज़ाकिर हुसैन वाला 'वाह',
'जी, काहे का वाह, कविता लिख - लिख १० - १५ कापियां हैं भर डाली..
और, प्रेशर के टाइम में भी कॉपी उठा कर चला जाता है शुरू करने पानी का प्रवाह...
अब, नितिन को कौन समझाए...
गिल्ली - डंडे से किसी की आँख न फोड़े, ना पतंग के पेचे लड़ाए!'
'शर्मा इतना भी मत बनो शय - शय,
तेरे घर फरहान अख्तर है बैठा,
फिर भी तुझ जैसा जावेद युस ना करे दये,
अब, तू मस्त होकर पि बौर्न - विटा,
कल, तेरी तन और मन की शक्ति बढ़ाएगा वाई - फाई.'
रविवार के दिन ६ बजे ही नील शर्मा के घर इक्कठा हो गया मीडिया,
शर्मा जी, ने दरवाज़ा खोला और मीडिया को भागने का ढूंढने लगे आईडिया.
'यहाँ, लंगर होने वाला है या है यह भक्तों की टोली,
थोड़े कूल - कूल होकर आयो, बाथरूम जाने की मेरी अब आई है बारी!'
मीडिया वालों ने खुला दरवाज़ा देख कर अन्दर धावा बोला,
बम - बम बोलते उनके पीछे जा रहे शर्मा जी का दिल रिंगा - रिंगा डोला.
लो, जिस महान पोएट को ना जागने के लिए शर्मा साहब सबको इशारा कर रहे थे की बोलो आहिस्ता....
वो, नितिन शर्मा ने तो शुरू कर दी थी अपनी कविता.
अब, शुरू होंगे मीडिया के सवाल,
नील शर्मा जी के लाल - लाल हुए जाएँ गाल.
इससे, पहले पूछा जाता कोई सवाल..
नितिन ने मुंह में डाल लिया लोलीपोप, और बोला.
'ओ अंकलों मुझे किड्नाप करने आये हो?...जल्दी, करो पर पहले मेरा स्कूल बैग उठा लो!'
'बेटा, इमरान का करियर लुटने के बाद, आमिर ने हम से रनबीर की किड्नापिंग की शपथ है खिलवायी....
तुम्हे कविता लिखनी कबसे आई?'
'ऐसे, बेतुके शब्दों को फिर से जोड़ कर अगर बनाया तुम अंकलों ने सेंटेंस...
निरूपा रॉय की कसम, तोड़ दूंगा तुम्हारे तेलेविसीन सेट कूद के तुम्हारी फेन्स!'
'मगर.....'
'कविता के बारे में जानना ही है तो लोलीपोप का लायो डब्बा..
साइड, हटो मुझे जाने दो बाथरूम विद माय डब्बा!'
नितिन की लोलिपोपों की लोटरी लग गयी,
और फिर नितिन बोल ही उठा...
'अरे, अंकल्स कविता मेरी कविता का नहीं मेरी गर्लफ्रेंड का नाम है...
ये, आदात मुझे मुकेश भैया ने है डाली,
क्यूँ की उनकी गर्लफ्रेंड का नाम है दीपाली.
पर, आप लोगों ने मेरी लोलीपोप की लोटरी लगा दी,
लो, एक कॉपी ले जायो,
इस में मैंने कविता है भरी हुयी,
अगली, बार आयोगे तो ले के आने तंदूरी नान के साथ चिकेन बिरयानी!'
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