...is "Celebrating (un)Common Creativity!" Fan fiction, artworks, extreme genres & smashing the formal "Fourth wall"...Join the revolution!!! - Mohit Trendster

Tuesday, August 31, 2010

Seeds Of Anarchy

'रवाशोल का नाम सुना है?'

'नहीं!'

'शक्ल तो है ही, अकल भी तेरी बंगाली ही है...उसने एक जनरल और काउंसिलर के घर में बम विस्फोट किये थे!'

'आतंकवादी था?'

'फ्रांस का था, जैसे तू कलकत्ते का है. अनार्किस्ट था....'

'पेंट ख़तम हो गया!'

'लाल वाले से लिख. ८ साल का था जब उसने इस रास्ते पर चलना शुरू किया, ३२ तक पहुँचते ही इसी रास्ते पर उसे दफना दिया और ऊपर से मोनार्की की चादर चढ़ा दी!'

'इंजन शुरू करूँ?'

'पहले ये जो हाथों पर पेंट की मेहँदी लगायी है, उसे तो देखने दे. पांच डिब्बे लग गए पूरी दीवार भरने में...इसे पढ़ तो सही....'


'इंटों के जंगल जब जलें पानी की राह पलट जाए,
अब जा के आँखें खुलीं जब लहू से मुख को धोये!'


'ले, आ गए दोनों. पीछे बैठ...खाली थी?'

'एक हवलदार था, हाकी से मार कर बाहर लिटा दिया था!'

'पंखे में लटका आना था, वर्दी से झल्लों पर पड़ी धूल ही हटती...भगा इसे!'

भोर के अँधेरे में मोटरसायकलें शोर मचाती हुयी गुम हो गयीं. और पीछे उजाला देती आग की लपटें अपनी पकड़ पुलिस चौकी पर मज़बूत कर रही थीं.

पृथ्वी - इस गाँव की आबादी कितनी है? १८००. और इस देश की? रूस से भी जायदा पेड़ उगा रखे हैं यहाँ. ये पेड़ हवा नहीं देते, आदमी की बची - खुची हवा भी बाहर खींच लेते हैं. क्या दिया है इस देश ने तुम्हे?...डेमोक्रेसी से भरा प्रपंच...१ पार्टी बनायो, नोटों से उसका प्रचार करो, और फिर ५ साल तक उस कुर्सी पर जोंक की तरह बैठे रहो. प्रगृति का इतना बुरा हाल है की किसानों को खुद्खुशियाँ करनी पड़ रही हैं..विकास की राह में रोड़ा डाला पड़ा है इस डेमोक्रेसी ने. और, डेमोक्रेसी कहाँ है? जनता के पास? जनता की डोर तो सरकार के पास है..कठपुतलियों की तरह नचाते हैं इस डोर से. २८ स्टेट और ७ यूनियन टेरिटोरी बना रखी हैं. कल को ७ और जुड़ जायेंगीं, और उन राज्यों का थोड़ा प्रोमोशन करेंगे फिर उस में सारा कारागार बंद. किसी भी स्टेट को उठने नहीं देते ये लोग...उसे, तब तक रगड़ते रहो जब तक वो कश्मीर जितनी सुकड़ नहीं जाती. क्या लगता है 'खालिस्तान' क्यूँ बनाया जाना था?... इस सरकार की वजह से, इस सिस्टम की वजह से और इस पूरे देश की वजह से. मकारी की नींव पर खड़ा है ये सारा देश. क्या हम इस गाँव को भी दान कर देंगे? इस गाँव के साथ जुड़े हुए १५ कस्बों की भी क़ुरबानी दे देंगे? अब बस...सहने की भी एक हद होती है, अब तो बर्दाश्त की सारी हदें पार हो चुकी हैं...क्रांति की ये लपट इस गाँव से उठ कर पूरे देश को अपने आगोश में ले लेगी. और उसे हम शुरू करेंगे. उसे वो कंपनी शुरू करेगी जो गंदगी के जाल में फँस - फँस कर तंग आ चुकी है. ये लहर रुकनी नहीं चाहिए!

पंडाल में उपस्थित लोगों के मुखों पर मौत का सा सन्नाटा छा गया. दो पल की ये ख़ामोशी आक्रोश से भरे ललकारों में तब्दील हो गयी.

संजय - संजीव, वो आ गए!

संजय और संजीव के नन्हे कदम पथरीली राह पर सरपट दौड़ते उन मोटरसायकलों का पीछा करने लगे जिन पर सवार युवकों के चेहरे ख़ुशी से चमक रहे थे.

आदिल - लो संजय, संजीव तुम दोनों के लिए शहर से कंचे लाया हुआ हूँ.

अधिकांश - अब गिल्ली छोड़ कर इस से लोगों की आँखें फोड़ना!

विनीत - जिसकी पहले से ही फूटी हुयी है, वो भी आ गया.

आज़ाद - पृथ्वी बुला रहे हैं तुम दोनों को.

अधिकांश और आदिल, पृथ्वी के घर की तरफ चले गए.

शुकला - आज़ादी मिल गयी तुझे?

आज़ाद - अभी तो इस गाँव को नहीं मिली...तो मुझे क्या तू लाठी पर लटका के देगा?

विनीत - नील आ रहा है!

शुकला - क्या हाल है?...कुछ नया लिखा?

नील - सुनो! गुजरात के किनारे हग रहा था जब नरमदा फट गयी. डेम की दीवार से मैं लटका, नीचे मेरी चड्डी उधड़ गयी.

विनीत, शुकला, और आज़ाद के ठहाके गूंज उठे. क्रूरता की मुस्कान तो पृथ्वी के चेहरे पर भी टिकी हुयी थी.

पृथ्वी - अन्दर कौन गया था?

आदिल - जी, वो दोनों!

पृथ्वी - आग किसने लगायी थी?

अधिकांश - विनीत और शुकला ने ही लगायी थी!

पृथ्वी - और तुम दोनों वहां पे मुजरा देख रहे थे. ये घड़ी देख रहे हो..

दीवार पर टंगी घड़ी के ऊपर धूल के टिले और जालों के पहाड़ बने हुए थे, फिर भी किसी तरह घड़ी की सुई हिल रही थी.

पृथ्वी - मेरे दादा की थी. अपनी बीवी से भी ज़यादा प्यार करता था इस से. और अब, वक़्त की धूल से पुती हुयी वहीँ टंगी पड़ी है. पर अब वक़्त की सुई बदलने का समय आ गया है. ये 'अन.र.की को' जो हमारे लिए कर रही है ना, उस से ये वक़्त गुज़र जाएगा. हमे मौका मिलेगा नया वक़्त खरीदने का....अधिकांश, कल तू इसे ले कर उनके दफ्तर जाएगा. वो जो बताएं उसे दिमाग में बिठा लेना. शाम तक लौट आना. रात को समारोह होना है!

अन.र.की. को, का दफ्तर देहातियों से भरा पड़ा था.

'प्रताप केंट से आये हो?'

आदिल - जी.

'लाइन लम्बी है. आधा घंटा रुको!'

अधिकांश - पृथ्वी भ्राता ने भेजा है.

'नुकुल इन्हें अन्दर ले कर जा!'

आदिल - क्या हम आज़ादी की आड़ में सेपरेटिस्ट मूवमेंट नहीं बना रहे?

अधिकांश - अगर, पांडव और कौरव साथ - साथ चिपके रहते न तो महाभारत होती ही नहीं. तुझे क्या लगता है पृथ्वी इस कंपनी का पार्टनर बनने के लिए उन्हें फंड कर रहा है. वो, ये पैसे हमारे गाँव और आस - पास के जो इलाके बना रखे हैं न, उन पर खर्च करने के लिए इधर दे रहा है. अकेले रहेगा तो टैक्स देते हुए रगड़ा जाएगा, और ये सरकारी भांड अपनी कमीज़ बदल लेंगे पर टैक्स नहीं हटायेंगे.

आदिल - पर, ये सब हम शांति से भी तो कर सकते हैं.

अधिकांश - साले, तू चश्मा क्यूँ नहीं खरीद लेता! एक धोती भी ले ले, और फिर गले में चरखा बांध के फैला शांति यहाँ. जो, कोई भूख - नंगा दिखे उसके लिए वही पर सूत की दुकान खोल देना. तेरे कॉलेज में काफी मिल जायेंगे, अहिंसक. उन से जा के सीख ले....अब चुप रह.

आदिल कुछ बोल पाता उस से पहले ही रिशिध सिंह केबिन के अन्दर आ गया.

आदिल - नमस्ते.

रिशिध - बैठे रह...पैसे ले आये हो?

अधिकांश - गिन लेना.

पैसों का बंडल टेबल पर गिरते ही रिशिध के हाथों में चला गया.

रिशिध - पृथ्वी से कहो की महिला प्रचार जायदा जोर पकड़ रहा है. अगले हफ्ते जिस जगह पर किसानों ने बैठना था, उस जगह पर वो अपना कैंप खोलना चाहती हैं.

अधिकांश - उन्हें हटाना तो आपका काम है.

रिशिध - झंडे हर कोई उठा सकता है, बस उन में रंग का फर्क होता है. लड़ाई हमारी, शस्त्र तुम्हारे, और विजय तो शस्त्रों से ही होती है.

अधिकांश और आदिल मोटरसाइकिल पर सवार गाँव के काफी नज़दीक पहुँच चुके थे.

आदिल - इस, कंपनी को फंड तो हम ही कर रहे हैं न. फिर ये कंपनी क्या कर रही है?

अधिकांश - ब्युराक्रसी तोड़ कर अनार्की फ़ैलाने की कोशिश कर रही है.

समारोह शुरू हो चूका था. हारमोनियम और तबलों की ताल के साथ नील की आवाज़ गूंज रही थी.


नील:


खेतों और खलिहानों में, मेरे मिट्टी के पहलवानों में,
देखो जर्जर अकाल पड़ा वो चमकते पकवानों में.
देखो यहाँ आके दिनकर,
दफना दिया इन्होने जनतंत्र,
फावड़े और हल को तोड़कर,
अनार्की को माने गणतंत्र!

पत्थर के रहते थे जहाँ गूंजते जयकारे,
मंदिर में भी पड़ने लगे अब अफीम के लश्कारे,
डेमोक्रेसी का नाद बजे,
कवि और लेखक कब के हारे!

जिस नारी के हाथ सहते थे चूल्हों का ताप,
मनमोहन को तू भूलकर, सोनिया के शब्दों को नाप.
रामधारी सिंह दिनकर तू भी देख गगन से,
सांप भी आजकल निकलते हैं खदर पहन के,
भ्रष्टाचार की सेल लगी रे,
पाप भी ना धोये जाएँ गंगा नहा के!


करन ही था उस युग का सबसे बड़ा दानी,
आकाश में धुंए का गुबार उठता है,
दूषित कर दिया मेरा पानी.
हवा पर भी टैक्स लगा,
मदारी का बंदर फिर भी ना जगा,
नीलाम हो गए दो गज़ ज़मीन के भी टुकड़े,
बजट से दूर भागता हर अभागा!


पहन लो तुम जितने भी मुकुट, टांग लो हीरे का गहना,
कण - कण में बिखेर दूंगा जब कुदाल चलाता आयूंगा,
मिट्टी से जो उत्पन हुआ उसी में है उसने बह जाना.
कलम से लिखने वालों की तरह है मेरी सोच,
अभी मुझे बहुत है उड़ना,
मेरी उड़ान को मत रोक!



पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा. और इधर पृथ्वी के घर में शिकन की हवाएं मंडरा रहीं थीं.

पृथ्वी - देख क्या रहे हो बे? जगह खाली करवायो, लीस पर थोड़ी ले रखी है उन्होने.
आदिल - मैं, कल नहीं आ सकूँगा. वो मुझे अपने भांजे को लेकर मोसक जाना है.

आज़ाद - सीधे - सीधे मस्जिद नहीं बोल सकता.

पृथ्वी - ठीक है. इसकी जगह मैं चलता हूँ. जीप तैयार रखना.

दोपहर की धूप जीप पर ताज बन कर सजी हुयी थी. जबकि, पृथ्वी, आज़ाद, अधिकांश, विनीत, और शुकला एक किला फ़तेह करने की तैयारी में थे.

मधु - देखिये, हमारा ग्रुप आज की औरत की आवाज़ है. घर पर आटे को गुंथती और परुषों के अत्याचार के नीचे पिस रही, इन औरतों के बारे में तो कोई नहीं सोचता. अब बात हक़ की और अधिकारों पर आ चुकी है. नारी से बंधी ज़ंजीर तोड़ने का वक़्त आ गया है.

पृथ्वी - ज़ंजीर तो रेड लाइट एरिया में बने हुए कोठों वालियों पर भी लगी हुयी है. उन्हें तो आप कभी नहीं खोलती. उनके अधिकारों की बात आते ही मुद्दा बदल जाता है, हक़ तहकाने में बंद कर दिए जाते हैं. उनके लिए लड़कर हाथ गंदे क्यूँ करें. अब उस जगह पर हमने किसानों और सोसाइटी के नीचे दबे हुए गरीबों की आवाज़ को उठाना है. आप कोई और जगह चुनिए. पैसे, हम दे देंगे.

माहोल मुर्दे की भांति शांत हो गया. एक पल के बाद उसी शांति को मधु की कर्कश आवाज़ ने तोड़ा.

मधु - देखिये, हम इस दिन का काफी देर से इंतज़ार कर रहे हैं. चुनाव सिर पर हैं, सड़कों पर काफी रैलियां होंगी, और यही मौका है हमे अपना सन्देश फ़ैलाने का. और, पैसों की आप फिकर मत करें. कोई तो हमे फंड कर ही देगा. आप लोग कोई और जगह क्यूँ नहीं चुन लेते? ऐसे काफी मैदान होंगे जहाँ से मंत्री और उनकी पार्टियाँ आपको देख सकें.

जीप से गाँव पलटे लोगों के चेहरे गुस्से में फुंकारते हुए थे. शायद सूरज भी इस गुस्से के कोप को सह नहीं सका और छिप गया.

पृथ्वी - इस धरने से लोगों को हमारे बारे में पता लगना था. हमारी जंग का हिसा बनते वो. अगर, उस कंपनी को फ़ैलाने के लिए पब्लिक ही नहीं मिलेगी तो क्या अनार्की को पेड़ से तोड़कर यहाँ बाटूँ. बुत बुने फिरते रहते हो तुम सब. १९९१ से ले कर २००६ तक सोमालिया भी सरकारी पंजों से आज़ाद था. और हर आज़ादी की कीमत लगती है. देख क्या रहे हो बे, पता लगायो कि नारी आंदोलन चल किसके पहिये पर रही है.

आज़ाद - कोई बिल्डर है. दुबई से आया है. अपने गाँव के साथ जुड़े हुए कस्बों को हटाना चाहता है. परमिट मिल चुका है उसे.

पृथ्वी की आँखों में खून उतर आया.

पृथ्वी - ये मेरी ज़मीन है, मेरे पुरखों का अंग है. यहाँ सोने की ईमारत बनाने से पहले फाड़ के गाद दूंगा उसको.......आदिल कहाँ है? बुला के ला उसे.

विनीत - शहर, उसके घर फ़ोन किया था, उसके भांजे ने उठाया था. बोल रहा था की, मामू मोस्को गया है. असल में उसका चाचा अपने शहर से चुनाव लड़ रहा है. उसी का प्रचार कर रहा है.

इस से पहले की कोई और कुछ बोल पाता, अँधेरे को चीरती हुयी एक रौशनी वहां आ पहुंची. रौशनी स्कूटर की थी.

पृथ्वी - मोस्को से कब आया तू?

आदिल - वो मैं...वो.

पृथ्वी - प्लेन ने बहरा कर दिया है. कहाँ था?

आदिल - वो मैं वोट डालने गया था.

पृथ्वी - किसको? अपने बाप को...और झूठ बोला ना तो यहीं टांग दूंगा.....आज़ाद, शर्ट उतार इसकी.

अधिकांश - इस पर हम...

आज़ाद - तू चुप रह.

पृथ्वी - आग लगा इसे.

आज़ाद की जेब से माचिस की तिल्ली निकल कर और जल कर आदिल की शर्ट से चिपक गयी.

पृथ्वी - स्कूटर जला दे.

आदिल बस अपने स्कूटर की जलती चिता को देखता रहा.

पृथ्वी - अगली बार तेरा अंतिम संस्कार भी कर देंगे.

पृथ्वी के जाने के बाद, स्कूटर में लगी आग की लपटें और फैलने लगीं.

आज़ाद - विनीत, शुकला पानी डालो स्कूटर पर. खड़ा - खड़ा ही फट ना जाए....... आदिल, देख समझाने की कोशिश कर वो जो बोलता है उसे सुन लिया कर. नहीं तो तुझे काटेगा यहाँ, और टुकड़े हरयाने में मिलेंगे. और तेरे पिता तो कलकत्ते ही रहते हैं ना. दरी बेचते हैं ना वहां पे. तो उनका तो खर्चा और बढ़ेगा. एक समय ख़राब, और बेटे की लाश उठाने के लिए दरी ख़राब. अधिकांश, पानी पिला इसे.

दोपहर की गर्मी में बरगद के पेड़ के नीचे काफी शोर उत्पन हो रहा था.

शुकला - जाल बिछा चुका हूँ.

अधिकांश - दाहिने वाली काट.

विनीत - फँस गया जाल में.

आज़ाद - ले तीन ले गया.

अधिकांश - सल्फेट, जाल खुद के लिए बिछा रहा था!

पृथ्वी - शतरंज चल रही है.

आज़ाद - चेकर्स है पृथ्वी सा. शहर में नया आया है. लड़के सुबह ही ले के आये हैं.

पृथ्वी - कैसे खेलते हैं?

आज़ाद - १२ गीटियाँ दोनों खिलाड़ियों को मिलती हैं. शतरंज के जैसे सफ़ेद और काले खाने बने हुए हैं. सफ़ेद वाले को काली गोलियां खानी हैं और काले को सफ़ेद. १ ही बारी में ३ से लेकर ४ गीटियाँ जीत सकते हैं. बस चाल चलनी पड़ती है.

पृथ्वी के दिमाग में चाल बुनने लगी.

पृथ्वी - आज़ाद! जीप निकाल. विनीत, तू चल मेरे साथ.

जीप के तैयार होते ही पृथ्वी और विनीत उस में सवार हो गए.

पृथ्वी - आज़ाद, तू धरने की तयारी कर. हम आते हैं.

गाँव की कच्ची पगडण्डी से शहर की पक्की सड़कों पर सरपट दौड़ती जीप, विदेश से आये बिल्डर के घर के सामने रुक गयी.

पृथ्वी - जानता है ना यहाँ हम क्यूँ आये हैं. वक़्त आ गया है.

पृथ्वी ने विनीत के हाथ में बंदूक थमा दी. विनीत के कदम दरवाज़े के सामने रुके और उसके हाथ घंटी बजा कर.

'क्या चाहिए?'

विनीत - जी मैं जनराज कॉलेज से आया हूँ. हम लोग गरीबों के उद्वार के लिए धन राशी जमा कर रहे हैं. आप कुछ जोड़ना चाहेंगे.

'जीरो!'

इस से पहले दरवाज़ा बंद होता बंदूक की नाल की बिल्डर की नाक पर मजबूत प्रहार हुआ. और बिल्डर ठिठक गया.

विनीत - हमारी अनार्की बंद कराएगा हरामी...सोने का बाज़ार बनाएगा यहाँ तू.

लगातार हो रहे बंदूक की चोटों से बेहाल बिल्डर का शरीर फर्श पर गिर गया. विनीत रुक गया. बिल्डर रगड़ते हुए अपने विदेशी कालीन के ऊपर पहुँच गया.

विनीत - चल तेरे को शांति तो मिलेगी.

आवाज़ के धमाके हुए और बंदूक से तीन गोलियां निकाल कर बिल्डर के घमंडी शरीर में घुस गयीं. मखमली कालीन पर गुलाल पुत गया.

पृथ्वी - कितनी गोलियां चलायीं?

विनीत - ३!

पृथ्वी - ४ डाल आनी थीं. चल.

धरने का दिन आ गया. पृथ्वी अपने फ़ोन के आस - पास ही चहलकदमी करे जा रहा था. फ़ोन बजा.

आज़ाद - हाँ, भाई सा. यहाँ सब कुछ बढ़िया चल रहा है. वो महिला विभाग भी नहीं आया.

पृथ्वी - ध्यान रहे इस जंग का एलान और संदेश हर घर तक पहुँचाना चाहिए.

आज़ाद - आप फिकर मत कीजिये. संभाला हुआ है मैंने यहाँ सारा कुछ.

रात के अँधेरे को चीरती रोशनियाँ पृथ्वी के घर से आ रहीं थीं. घर नयी नवेली दुल्हन की तरह सजा हुआ था. ये जीत की चमक थी. ये अनार्की का जशन था.

सुबह हुयी पर ये सुबह मनहूसियत की किरण फैला रही थी.

आज़ाद - गज़ब हो गया पृथ्वी भाई सा. दरवाज़ा खोलिए.

शुकला - भाई सा!

पृथ्वी - क्यूँ चिल्ला रहा है?

आज़ाद - कंपनी पर इनकम टैक्स वालों का छापा पड़ गया. काफी काला धन बरामद हुआ. क्लर्कों की तो ज़मानत हो गयी. रिशिध का कुछ पता नहीं चल रहा. कंपनी बंद कर रहे हैं.

पृथ्वी का शरीर जड़ होकर ज़मीन पर आ गिरा. पृथ्वी की स्थति को नील के शब्द ऐसे बयान कर देते.


"ताकत और अहंकार को ना काट सकी दया ,
वो आखिरी बाण दुशासन के प्राण हर ले गया!"


आज़ाद - इन्हें, दिल का दौरा पड़ा है....अधिकांश, जीप निकाल..विनीत पानी ला.

गाँव के खेतों की कच्ची पगडण्डी के किनारे संजय और संजीव मिट्टी खोद रहे थे.

संजय - हमारे गाँव में इतने सारे पेड़ हैं. फिर हम एक और क्यूँ उगा रहे हैं?

संजीव - अभी पेड़ उगा कहाँ है! बीज डाले हैं.

संजय - ये पेड़ राहगीरों को छाया भी देगा.

संजीव - पेड़ तो उगने दे. ऐसे ही बीजों को यहाँ कतार में मिट्टी खोद - खोद डालते जायेंगे और गाँव में और हरियाली ला देंगे.

संजय - ये बीज गुस्सा तो नहीं होंगे.

संजीव - काफी सहा है इन्होने. थोड़ा सा और बर्दाश्त कर लेंगे.

संजय - ये बीज, पेड़ बन कर क्या देंगे?

संजीव - सब कुछ देंगे!

Tuesday, August 24, 2010

Politician

"Aise hone chahiye, humare desh ke Politician."



Us, kacchi sadak par bichi woh keelien, us Safed Mercedes ka intezar karte lag rahin thin. Mercedes ki backseat par baithe us shakhs ka dhyaan kahin aur hi tha. Gaadi ke Driver ko bhi dhyaan na raha ki kab, gaadi keelon ke upar se guzar gayi....Aur, gaadi ki hawa tayron se.


Driver - Sahib, lagta hai Tyre Puncture ho gaya hai!


Mercedes se neeche utre us shakhs ki aankhon mein nafrat thi. Apni, chappal par lage keechad ko dekh kar, chehre par ghinn thi. Ghamand se bhari awaz mein usne apne, Driver ko apne paas bulaya.


'E, mere jute saaf kar!'


Driver - Jee, aaya Sahib.


Yeh, sab manzar do aur aankhein dekh rahin thin. Yeh aankhein, Mercedes ki side par hi bane ek, Auto Repair Shop mein khade 12 - 13 saal ke yuvak ki thin. Shayad, yeh Auto Repair Shop issi yuvak ki thi. Bahut der se dekh rahe yuvak ke sabr ka bandh toot gaya aur woh dauda huya Mercedes ke saamne pahuncha.


Hiten - Saab, maine dekha aapki gaadi kharab hote huye..Yeh, choti si Auto Repair Shop meri hi hai. Mujhe, 15 minute dijiye, aapki gaadi ka tyre change kar dunga.


Us, aadmi ne munh se kuch nahi bola. Bas, uski gardan ne ishara kar diya. Shayad, woh aadmi kisi soch mein doob gaya tha.


Mumbai ki mayanagri, Bollywood. Successful actor, Prashant Sinha ki nayi Picture ka Premiere........Anekon sitaron se saji mehfil mein, sab nazrein, Prashant Sinha par thin. Press waalon ki saawal ki list, Carpet se bhi lambi thi. Prashant Sinha, Reporters ke saawalon ke jawab de hi rahe the ki, ek Jeep aa ker ruki. 15 - 20 ladke neeche utre.


'Aap log andar nahi jaa sakte.'


Security Guard itna hi keh paya kyunki uske baad, uski jubaan zameen chatne mein lag gayi.....Ladkon mein se ek bhaari awaz aayi.


'Bottle, phod saale ke!'


Prashant Sinha ke sir par zor se ek bottle padi..Prashant kuch kar paata us se pehle hi ladkon dwara laayi gayi hockey sticks ki chot se uski taang ki haddi jawab de chuki thi. Prashant Sinha par, Hockey Sticks dwara kiye gaye ghaav badhne lage...Kisi ne kuch kehne ki koshish nahi ki. Sab, log murti ban tamasha dekhte rahe.


10 minute baad, Hockey ki maar band huyi. Ek, ladke ne apna Mobile, Prashant Sinha ke kaan ke pas lagaya. Ek, awaz aayi.


'Tujhe yahan tikne nahi dunga.......Abhi toh Haddi todi hai, agli baar mere upar Picture banane ki koshish ki toh, teri chamdi Acid se jala kar tere Camere par latka dunga......Jai Maharashtra!'


Ladkon ki toli, 'Jai Maharashtra' ke naare lagate huye, Jeep mein sawar hokar andhere mein ghum ho gayi. Zakhmon se karah rahe, Prashant Sinha ke upar koi dhyaan nahi de raha tha.


Agle din wohi Jeep ek Theatre ke bahar aa kar ruki, jahan par shayad kisi Bhojpuri Picture ka Show chal raha tha.


'Band karo yeh ashleel tamasha........Phaad Do Seatein....Laga do aag iss Bhojpuri Lanka mein!'


Picture dekh rahe log, darwazon ki taraf bhagne lage. Kaiyon ne Balcony se chalaang laga di...Theatre ka mallik dauda huya aaya.


'Yeh, aap log kya.....................'


Uski, baat band hoti us se pehle hi ek ladke ne uske munh par Sticker laga diya.


'Mera naam, Narayan hai.....Aur, kaan se yeh bali nikal kar sun le, aaj ke baad yahan koi Picture nahi chalegi....Chali toh, tere saare patthe, teri laash ka Show dekh rahe honge.....Kamal, Shirt phaad iski.'


Cinema Owner ki shirt ke kai chithde ho gaye. Ladkon ne woh Shirt sulga di.


Narayan - Bana do yahan shamshan.


Jalti Shirt ke tukde, Seaton ki taraf phenk diye gaye...Kuch, ladkon ne Cinema ke Parde ko aag laga di. Cinema ke mallik ke kuch kar paane se pehle hi ek Hockey ki parhar se uske hosh ud gaye......Cinema Hall ko jalti chita bana kar ladkon ki toli nikal chuki thi.


Narayan - ......Haan, Saab....Jee, tod dete hain....Mitti mein mila denge....Aap, phikar na karein......Shankar, Jeep, Theke ki taraf mod.


Sharab ke addon par bhaari bheed lagi huyi thi. Jeep aa chuki thi..Lekin iss baar ladkon ke haath mein Hockey nahi thi....Talwaron ki chamak thi...Is se pehle hi koi kuch samajh paata, ladkon ki toli ne logon ki chamdi utarni shuru kar di.


Narayan - Bolo......Jai Maharashtra!


Shaarab ki botlein choodiyon saman zameen par gir - gir tootne lagin...Bheed kum ho chuki thi...Narayan ka rukh, sharaab bech rahe aadmi ki taraf tha.


Narayan - Tune hi likha hai kya, 'We Sell English Wine'?


'Jee!'


Uski, awaz aane ki hi der thi ki, Acid ki bauchar uske munh par pad chuki thi...Ashanaey dard le kar woh aadmi daudta huya, behosh ho gaya.


Narayan - Yahan ka har baccha - baccha, Desi Daaru peeta hai....Tujhe, badi angrezi chadi hai...Ab, bol Jai Maharashtra!


Kamal - Narayan, woh dekh shayad woh ladka issi ka beta hai.


Narayan ne bacche ko utha, Counter par bitha diya.


Narayan - Kaala Rang laayo.


Kuch ladke, phataphat Paint ka ek kanastar utha laaye. Narayan ne apna haath Rang mein dubo kar, bacche ke munh par mal diya.


Narayan - Ab, isse kabhi buri nazar nahi lagegi....Chocolate khaa!


Narayan ne ek Sticker uske munh par bhi chipka diya.


Jeep, wahan se nikal gayi. Bheed ka jama hona shuru ho gaya tha....Jeep, ek Taxi ke paas jaa kar ruki...Taxi khaali padi thi. Shayad, Taxi walah kahin gaya huya tha.


Narayan - Machis De!


Machis sulga kar, Petrol ki tanki mein daal di....Taxi, ekdum dhamake se phat gayi.


Narayan - Mumbai ki taraf rukh bhi kiya toh jaan kheench lenge....Jai Maharashtra!


Agle, din ke akhbaron ki khabarein badi surkh thin!


'An Actor Got Brutally Beaten Up.'


'A Cinema House And Its Owner Were Burned By A Group Of Teenagers!'


'Taxi Union Ke Ek Member Ki Taxi Ko Bomb Ka Gola Bana Diya Gaya. Hamalawar Farar!'


'A Man And His 5 Year Old Son, Beaten By Young Adult Attackers At Liquor Stores.'


'Was The Mumbai Police Sleeping?'




'Saab!'


Us, aadmi ka dhyaan khayalon se bahar aaya.


'Hun......Haan..!'


Hiten - Aapki, gadi ka tyre badal diya hai.


Gardan hila kar woh aadmi apni, Mercedes ki Back Seat par sawar ho gaya....Jaise, hi Mercedes chalne lagi, piche se Hiten ka haath gaadi ke sheeshe par aa kar laga...


Hiten - Saab.....Mera mehanatana toh dete jaayo.


Mercedes ruki aur Reverse hokar ussi jagah par aa ruki jis par woh khadi thi....Aadmi aur uska Driver dono bahar nikle.


'Kya Bola? Jaanta hai tu kis se paise maang raha hai?............Dev Jaykar naam hai mera......Saale, tera hone waala Leader hun.'


Dev Jaykar ki thokar se Hiten door ja gira.


Dev - Yeh, itna bada - bada Angrezi mein kya likha hai.....Apni dukaan ka naam, Shudh Hindi mein nahi likh sakta tha?....Tujhe toh iss desh mein rehne ka koi adhikar nahi hai....Rehta kidhar hai tu.


Chot ke prabhav se, Hiten ki aankhein nam hone lagin thin..Phir, bhi woh himmat kar bola!


Hiten - Woh, Hanuman Mandir ke paas waali basti mein...Yahan se thodi hi door hai.


Driver - Sahib, wahan toh Bihari rehte hain!


Dev ki aankhon mein khoon utar gaya.


Dev - Tu.........Tu mere jute saaf karega.....Dukaan chalayega yahan apni......Teri poori basti ko aag laga dunga main......Tujh se pehle teri hi jaise, Vidyarthiyon ki haddiyan tod chuka hun....Bol, Jai Maharashtra...Saanp das gaya hai kya?......Bol......Driver, iski dukaan tod do.


Hiten - Saab....Mujhe maaf kar do.....Saab...Aisa mat karo...Mere, Bhai ko Polio hai.... Uska jimma mere sir hi hai....Koi roko...Koi...


Hiten ki nazar, paas mein hi ek, Rehdi par, Pav - Bhaaji khaa rahe do Hawaldaron par gayi. Woh, dauda huya unke paas gaya.


Hiten - Daroga Saab, meri dukaan bacha lo.


Patil - Tune, kuch suna Pandya?


Pandya - Nahi toh....Kaan mein mail bahut jam gayi hai!


Patil - Beta, woh dukaan nahi hai...Sirf, ek gatte ka ghar hai...Toot jaayega toh behtar hai..Tera kya jaata hai?...Le, tu bhi khaa!


Hiten dauda huya apni dukaan par jaa pahuncha joki ab kabad ke roop mein wahan bikhar chuki thi.


Dev - Teri dukaan mein apna chunav chinh laga diya hai....Mat dena mat bhooliyo....Nahi toh agli baar tere Polio waale bhai ki laash yahan taang denge.....JAI MAHARASHTRA!


Mercedes jaa chuki thi......Peeche chut gayi thi cheekhein...Ansu...Nirasha....aur Dard.

White Candy

Main, yahan garmi ki chuttiyan manane aaya tha, Socha tha, iss gaon mein aa kar, Shehar ki bhaag - daud se do pal ka sukh milega.

"Katiya, mere kamre mein saanp hai."

"Babu, ji yahan har jagah saanp hi saanp hain, ghabraiye mat, woh Bargad ka ped dekh rahe hain na, yahan ke log us ped ki daalon, par, 'Sapole' chodte hain, Shubh maana jaata hai."

Kaise log hain yeh? Ped par saanp chodte hain, Uski pooja karte hain, Mendhekon ki chamdi sukha kar khaate hain, aur Ghante Waale Shaitan ko maante hain.

"Sab, darwaje, band kar lo, Ghante Waale Shaitan ke aane ka waqt ho gaya, Babu aap mere saath aa jaao, Ghante Waale Shaitan ne dekh liya toh khopdi kaat lega."

Veham, Andhvishvas, Kori Bakwaas, hai yeh, Yeh sab insaan ke andar ke Darr ka kamaal hai, jo ek parchayi mein bhi, shaitaan dekh leta hai, Main yahaan aa kar iss Veham ko maan toh nahi saka, Par apni lat zaroor chod di.

Mujhe, raat ko 12 baje, Charas lene ki Lat hai, Thakaan door ho jaati hai, Aaj bhi main wohin kar ke bahar nikla.

"Mera dimaag, andhere mein doob raha hai, haath-pair sunn pad rahe hain, Ghant Waala Shaitan, ke paas se madhur dhun, aa kar, Saanpon ko bhi, Nashedi sa kar raha hai...Katiya, mujhe Bacha, Saanp mujhe Das........"

"Kaha tha na Babu, Ghante Waala Shaitaan hai, Tumne apni laash khud hi yahaan taang di."

Morning Exercises

Doga - Haan toh jaisa ki hum sab jaante hain, Nagraj NWS mein bahut busy hai aur saath mein ek parallel series Nagayan bhi kar raha hai aur Dhruva toh pata hi nahi kahan chala gaya hai, isiliye maine aap sab heroes ko yahan bulaya hai tanki unka aane tak hum sab Dole-Shole bana lein aur aapni comicon ka satyanash kar dein. Toh chaliye shuru karte hain.


Bhokal - Kya TV par sundriyan dekhne ka time ho gaya?

Doga - Sabr karo mahabali, warna main tumhari biwion ko yeh bata dunga ki tum Pamela Anderson ke kitne bade Fan ho.

Kobi - Haan Mahajali moongfali, itna excited mat hoyo, tumhara dil hai ke samundar jab bhi koi kanya dekhi ussi ke picche pad jaate ho. Arey comic mein Censorship naam ki koi cheez hai ke nahi.

Doga - Haan toh paajiyon chalo shuru karein. Ok ab sab aapne-aapne haath bahar ko nikal lein, aur thoda sa ghutnon ko mod lein aur ab sab bolein AAH-OOH-AAH-OOH.....AAHHH-OOOHHH ke saath awaz mein zor le aayein. Yeh wali exercise subah Bathroom mein karne se Hip muscle relax hote hain.

Anthony - Par meri kabar mein toh Bathroom hi nahi hai.

Prince - Kanw-Kanw(Sharm karo Anthony. Aaj mujhe pata chala tumse woh sugandh kis cheez ki aati thi. Mera toh mann hi bhrasht kar diya. Main nahane ja raha hoon, agar peeche-peeche aaye toh tumhare peeche kauve chod dunga.)

Anthony - Arey Prince mujhe galat samajh rahe ho..arey suno toh sahi..Tumhare liye kaho toh Maxim magazine le aata hoon..Accha Crowboy chalegi kya..Ab mere liye Store se Playboy utha ker kaun laayega..Main bhi aa raha hoon Prince.

Doga - Haan toh unke jaane ke baad, baaki ke bache huye log yeh wali exercise karein. Subah 5 baje uth kar chatt par jaa ker Bhediyon ki tarah HU-HU-HU-HU karein. Aisa karne se "Main Bhi" jaisi ladkiyan pat jaati hain par thode se Consequences ho sakte hain isiliye aapne saath RC Forum member Ajay ki A.T.S.(Aatma Transport Sevice) Company ki Shield le jaayein.

Kobi - Kya, Main Bhi ki ladki pat jaayegi. Bhaad mein jaaye Jane, main toh chala. Main udi-udi jaawan, main "Main Bhi" phansawan...

Bhediya - Ruk ja dusht, aapni bhabhi par buri nazar se mat dekh.

Kobi - Abey jaa na Bhed ke bacche, tu toh sirf Hediya hai, B comic ke character, main A star hoon. Chal jo us tak pehle pahunch gaya ladki uski. Chalo bhaag.

Doga - Haan toh baaki ke log, Comic ki value badhane ke liye zor-zor se royein. Iss se Readers ke dil mein Emotions aa jaate hain, aur humara rona dekh kar aage se Comic-Ad dekh kar hi unka rona nikal jaayega. Yaad rakhiye sabhi ko Sensitivity pasand hai.

Bankeylal sabse zada ro raha hota hai.

Doga - Tum kyun itna zada ro rahe ho?

Bankeylal - Toh kya karoon, meri toh mat hi maari huyi hai, Comic ka rate 10 Rs aur badh gaya. Sabhi readers meri Comic ko laat maarne lage hain, aur jab maine Sanjay ji se darkhwast ki, ki meri Comics ko aur Humorous banayein toh unka kehna tha ki "Meri comics ke liye saare Jokes, The Great Indian Laughter Champions se utha ker laate hain aur un mein Navjot Singh Sidhu ka HEHEHE, daal dete hain, isiliye yeh dasha ho gayi hai". Buhuhuhu Hun sadda ki hou?

Doga - Yeh lo Puller machine, yeh button dabane se sab readers tumhari taraf khinch jaayenge. Ab jaao.

Bankeylal - Kutte, is mein battery toh daal dete.

Doga - Haan toh bhai, arey yeh kya keval Bhokal hi bacha hai. Gamraj, Steel aur Supi kahan hain aur Parmanu aur Fighter Toads ka kya hua?

Bhokal - Supi toh bahar Fighter Toads ke saath kanche khel raha hai, tanki uska Clone hone ka dukh thoda kam ho. Keh raha tha ki Fighter Toads bhi toh ek tarah se clone hi huye, isiliye Clone-Clone bhai-bhai. Aur Parmanu Jail jaane ke shock se paagal ho gaya hai aur kehta hai ki "Main Tiranga ka Side-character ban jaaunga, par Asbestos ki yeh costume nahi pehnunga, kyunki su-su karne mein problem aati hai isiliye meri Parmatma series ke liye mujhe bhi Nagraj jaisi Khaal laga do, chahe Yellow hi Spray paint kar dena." Aur Steel toh bahut bada ho gaya, kismat badal gayi uski. Kal hi China mein Photoshoot karke aaya hai, woh uski "Made in India" wali GF le kar gayi thi. Aur Gamraj toh wahan pada hua hai.

Doga - Gamraj, kya hua tum exercises mein participate nahi kar rahe?

Gamraj - Comic..low..Publicity..No dum..Energy nahi bachi...Chawanprash laa do..Comic nahi nikli.

Doga - Lagta hai tumhara Charas aur Afeem kha kar yeh haal ho gaya hai. Pehle hi kaha tha ki Drugs mat lo, par tum hoke poori shaunki character ho. Ab jaao, aapni agli Comic mein tumhe koi role de dunga.

Bhokal - Doga ab kya karein?

Doga - Theek hai bhai Exercises toh khatam ho gayin, ab chalate hain Beach par ghoomte hain. Suna hai wahan Visarpi roz aati hai. Aayo ab Adrak Chacha ki "Adrak and Bald Comic characters" meeting ka time ho gaya. Aur sunao tumhari agli series kab shuru ho rahi hai? Par mere paas Beach par ghumne se bhi badhiya idea hai, saath hi waale gym mein Monika Female characters ke saath exercise kar rahi hai. Chalo chal kar analysis karte hain.

Doga aur Bhokal chal kar Monika aur Female characters ki exercise dekhne lag jaate hain.

Monika - Ok girls, now put your hands up. Say with me One-Two, Trendy Baba we love you. Three-Four Ravi is such a bore...

Bhokal - Yeh Trendy Baba kaun hai?

Doga - Arey koi behroopiya aadmi hai, RC forum par Baba bana phirta hai. Wahan ke Members ki baatein Quote kar - kar ke khud ko Professional dikhata hai.

Bhokal - Chup kar nasamajh, Main Baba ka bahut bada fan hoon. Dusht, kambhakt main yahin dekhna chahta tha ki tera Baba ke baare mein kya reaction hoga. Bade muscle dikhata phirta hai na, kabhi Thigh muscle, kabhi Abs, kabhi Biceps..Chaddi phad dunga teri.

Doga - Dekh chaddi par buri nazar mat daal.

Bhokal - Ok man cut the tape, Author kaun hai iss story ka. Kambhakt, ke maare ko zameen par patka kar THS prop ke liye taiyar kar dunga. Chaddi kyun kheenchun main iski. Kaun likh raha hai yeh sab? Agli Comic mein tentua daba dunga Author ka jo mujhe iss waqt likh raha hai. Aur tum sab jo mujhe phad rahe ho, zada mat dekho warna geeli maar kar aankhein phod dunga tumhari...

Doga hakka - bakka wahin khada raha.

Saturday, August 21, 2010

Demon In A Bottle

"सॉरी, आपकी दूसरी किडनी भी फ़ेल हो गयी है. क्या, अब आप हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहेंगे?"


"पहले, ठेके पर जाना चाहूँगा!"


हॉस्पिटल के कॉरिडोर में चलते, राहुल के चेहरे पर एक मुस्कान उभर रही थी. डॉक्टर, की बात आज तक किसने सुनी है? आज, उसे एक ही पैग चढाने का मौका मिला था! अपने, दिल की धीमी पड़ती धड्कन उसके कान सुन पा रहे थे. क्या, पता अभी वहीँ गिर पड़े? किसी तरह, राहुल कार तक पहुंचा.


कार, की डिकी में बकार्डी का एक पूरा पैक था! शराब पि कर गाड़ी चलाना हानिकारक है.


राहुल की नज़रें सड़क पर कम, और बोत्तल की तरफ जादा थीं! स्ट्रीट लाइट के निचे से गुज़र रही गाड़ी, कठपुतली की तरह चल रही थी. राहुल, अपनी यादों में खो चूका था! उसे, अभी भी याद थी वो मनहूस रात, जिस दिन उसने अपनी बीवी और दो बच्चों को एक्सीडेंट में खोया था! याद, थीं वो चीखें जो अब भी उसके दिमाग में घूम रहीं थीं! अपने, परिवार के खून से सने चेहरे...शराब पि कर गाड़ी चला रहे, राहुल को तो कुछ नहीं हुआ पर एक बोत्तल ने उसकी पूरी ज़िन्दगी उजाड़ दी.


पर, अब राहुल की दूसरी शादी हो चुकी थी! और, उसका एक बेटा भी था. अपनी, यादों में खोये राहुल को यह भी नहीं पता था, की आज उसके साथ वाला शैतान फिर से भूखा था! गाड़ी, खंभे से जा टकराई. पेट्रोल, के साथ ही कुछ और भी बह रहा था. खून!


रुको...गाड़ी का दरवाज़ा खुला, खून से रँगे जूते का निशान तारकोल पर पड़ा. अभी, राहुल जिंदा था. पूरा सूट खून से ज़रूर रंग चूका था, फिर भी चेहरे पर मुस्कान थी. राहुल, ने डिक्की खोली, और पागलों की तरह शराब की बोत्त्लें सड़क पर फेंकने लगा. यह, हर इंसान करता है. जगह कोई भी हो, वक़्त कोई भी हो, रंग कोई भी हो...खून सबका एक है...और, यह सड़क पर टूटतीं बोत्त्लें, राहुल की चीखें हैं. हर, किसी की अलग होती हैं.


एक, बोत्तल बची गयी! राहुल, का घर बस १५ मिनट दूर था! उसकी, आँखें अब नम नहीं थीं. शायद, आखिरी बोत्तल बचने की वजह से.


अपने, घर के सामने खड़े राहुल ने वोह बोत्तल ख़तम की और अन्दर घुस गया. उसकी नज़र किसी को ढूंढ रही थी. पर, यह क्या? यह तो उसकी पहली बीवी है! उसे, उसका पीछा करने का इशारा कर रही है!


"तुम जिंदा हो?"


राहुल के कदम उसकी नयी बीवी के कमरे में पड़े. रसोई से उठाया हुआ चाकू, उसके हाथ में चमक रहा था! एक, पल बाद उसकी बीवी का सर उसके हाथ में था. पूरा बिस्तर खून से नहा चूका था! उसके, बाद अपने बेटे को गोली मारी.


"मैं, मर चूका हूँ !"


चाकू, राहुल के सिने में से जगह बनता हुआ उसके दिल को चीर गया. पहले से ही खून सने, सूट पर नया खून लग गया!

Dark Side

"Kanw-Kanw" (Utho Anthony, Subah ho gayi. Dekho mujhe dubara chillane par majboor mat karo, aajkal mere THS-CROWING classes chal rahe hain, jis mein hum sab kauvon ko Rahul ki photo dikha di jaati hai aur Himesh Reshammiya ka music sunaya jaata hai, tanki hum sab THS comics mein apni cameo appearance se apni saath wali Crow-Gals ko mate banne ke liye impress kar sakein.)


Anthony - Prince, main teri manhus aawaz sun kar toh raat ke 12 baje se jaag raha hoon, jab se tum Sophisticated Wishuman banne ke liye, mujhe NIKKATO HAIKU POETRY suna rahe ho. Pata nahi kahan se utha laaye, yeh Poetry-cum-One Liners.

Prince - "Kanw-Kanw" (Bakwas band karo aapni. Nikkato aaj kal hi bahut badi shaiyar bani hain, inko prize mein Trendy Baba Sign kiya hua "Kaccha Award" bhi mil chuka hai aur Maria toh Fan hi inki Poetry ki. Chalo ab jaldi se bahar nikal aayo.)

Anthony - Nikal toh aata, par koi meri kabar ke aage Ambuja Cement laga gaya hai.

Prince - "Kanw-Kanw"(Toh Nagraj No.005 use karo.)

Anthony - Woh bhi use kar leta aur apni kabar ke picche waale backdoor se nikal aata par picche koi Visarpi ka poster laga gaya hai. Itna mazboot hai ki isse toh sirf Steroidoga kha kar hi toda ja sakta hai.

Prince - "Kanw-Kanwchika Waaun Waaun" (Mere khyaal se tumhari Dark Side khatam ho gayi hai, jinhe tum apni Powers kehte ho. Badi-badi deengein maarte the ne, ab bhugto.)

Anthony - Hey bhagwan, Dark Side kaise khatam ho gayi, kal hi toh "Black Computer" padh kar re-charge ki thi.

Prince - "Kanw-Kanw (Woh Fighter Toads ki comic hai, isiliye choti hi Dark Side recharge huyi hogi.)

Anthony - Kuch jaldi kar Prince aur mujhe yahan se bahar nikal warna main ghut-ghut ke aapni jaan de dunga. Arey main toh bhool hi gaya tha ki main marr hi nahi sakta.

Prince - "Kanw-Kanw" (Zada cheko mat, aaj tak tumni jitni bhi Comics mein woh badi-badi fantasies dikhayi hain na ki agar tumhara haath cut gaya toh jisne kaata hai uska kaat diya, toh tumhara haath phir se re-grow ho jaayega, woh tum bhi bhali bhaanti jaante ho ki kisi jhooth se kum nahi hai. Aur tumhe "Jhoot Bole kauva kaate" waali kahavat ka bhi koi darr nahi, kyunki tumhare kehne par main sabhi kauvon ko shaant rakhta hoon. Aur ab un sab Villains ki payment bhi baaki hai jinko tumne Comic mein na jaaney kaise-kaise maara, arey maara kya woh toh humne un par beeth kar-karke Make-Up karwane ke liye raazi kar liya. Tumhare ghayal hone waale Make-Up ka kharcha alag. Mere toh sab baal jhad gaye hain issi Taanta Khaane mein. Kisi tarah apne Feather, Pari Rakshak Bhokal ko bech kar tumhare karze cuka raha hoon, usse aapni Beeth bhi deni padti hai tanki woh apne Par Safed spray kar sake. Us kambhakt Bhokal ko, Snow white, Cindrella, Pocahontas, Jasmine, ke Phone-Number chahiye woh alag. Besharm kal toh Tantar aur Talwar ke Dhani Bhokal ki Wife's ke Number maang raha tha.)

Anthony - Kya? Uski yeh himmat, Naya character kya ban gaya, ek-do comics kya chal padin, apni PRB series ko kya NWS samajh raha hai?

Prince - "Kanw-Kanw" (Samajhta toh main nahi ki tum kya ho? Aaj tak toh mujhe yeh samajh nahi paaya ki tum yeh Pink and Black Costume paa kar ghumte ho ya phir Body ko Paint kiya hua hai. Aur Underwear bhi pehente ho ke nahi. Mera jeena haram kar rakha hai, kabhi Prince jaa ker dukaan se Playboy Magazine utha la, kabhi Rated-A for Anthony movies ka ticket laa de, kabhi mere ghar jaa ker Maria ki murabba banane mein help kar. Mujhe kya samajh rakha hai? Animal Rights naam ki koi cheez hai ke nahi.)

Anthony - Chalo mere pyaare Prince in sab baaton ko chodo aur mere liye Bankelal ki koi Comic laa do, jisse main apni Dark Side paa kar yeh kabar tod dun. Dekho jaldi karo, mujhe su-su aayi hai. Aur haan Comic CD format mein laa ker yeh kabar ki slaakh mein se khiska dena.

Prince - "Kanw-Kanw" (Main nahi laata, mujhe yaad hai pichli baar Dark Side ki Overdose ke baad tumne mujh par hi su-su kar diya tha, aur toh aur mere teen-patti khelte hue Friends ko khaa gaye the, yeh samajh kar ki tumhe Sanjay Ji Sadma-2 ya Dayan-2 mein role de denge, aur Aadil Ji tumhare liye "Main Bhi" bhi taiyar kar denge.)

Anthony - Main tujhe Nagayan Series mein Natasha ke kandhe par Cameo Appearance ke liye, Sanjay Ji se baat kar sakta hoon.

Prince - "Kanw-Kanw" (Nahi ji mujhe nahi chahiye Natasha, mujhe koi shauk nahi Nagayan mein ek aur Kid join karwane ki.)

Anthony - Please Prince, accha Crow ban kar Dark Side laa de, dekh mere peeth ki haddi tut rahi hai.

Prince - "Kanw-Kanw" (Koi zarurat nahi Raj Comics Forum member Karan ki Repeated Comedy karne ki. Laa deta hoon tumhare liye Dark Side. Intezar karna Dark Side se bharpoor Bankeylal Comic laane ke liye Pirated Comic Smuggler ke paas jaa raha hoon.)

Thursday, August 19, 2010

Moh.D

"Mere bhai ki shaadi hai. Meri kab hogi?"


Trendy Baba, apni subah ki, 'Morning Exercises', Bathroom se kar ke laute hi the, ki unhe Rahul apni taraf daudta dikhayi diya.

Rahul - Baba gazab ho gaya. Forum par kuch behroopiye poster aa gaye hain aur ashleel harkatein kar rahe hain. Ek banda koi, 'amitabhkar_stit' ne toh khud ko, 'Forum ka Acharaya' kehna bhi shuru kar diya. Apki nakal kar raha hai, Hindi mein type kar!

Baba ki Gas abhi poori nikalti, usse pehle hi Bunty98 unki taraf dauda aaya.

Bunty98 - Baba, every underwear has a, 'Peela' stain on them. Guess what, as I was surfing the Forum, I saw a big group of, 'Poly Cadets', joining together to form a big topic of, 'Private Conversation', where they can do, 'Gaali-Galachods' on the Moderators and say, 'Maaa..Dhuri Dixit' to any Topic they want.

Rahul - Baba, subah hi, Marijuana ke patton ka paan bana kar khaa raha tha. Side effect hai!

Bunty98 - Haan, Baba, Randhawa ne ek naya Harsh likh diya hai. Aur iss baar sab log uski Genuine tareef kar rahe hain. Arun Ji ne toh usse, 'Mohit Jr.' tak ka naam de diya hai.


"Arun (Renowned Moderator of Raj Comics Forum) wrote:


Mohit Jr, tum gr8 ho."


Trendy Baba chup rahe. Par ab lagta tha unhe apni chupi todne ka Time aa gaya tha.

Trendy Baba - WHAT THE FREAK? What the hell is wrong with this Forum man? I mean, I already have trouble with that, Karu...Ahem, Ahem. Yeh, Amitabh bhai ko kitni baar samjhaya hai, ki jab bhi main kuch likhun aake bas itna likh jaayein, 'Very good Mohit, keep it up'. Main toh bas ek Jamadar hun joh apne, 'Log-In' se le kar, 'Log-Out' tak har Topic mein jaa kar apni Non-sencial posts karta rehta hun. Kisi ko shak naa ho, isiliye, bade-bade words bhi use karta hun. In short, Meri baji huyi hai..Band.

Rahul - Ek, baar jaa ke, Baba ki stories dekh aa. Cancer se teri aankhein thodi jalne lagengin.

Rahul ke kahe inn lafzon ne Baba ka pehle se hi, 'Materialised' Dil aur jhakjhor diya.

Trendy Baba - Bas, ab aur nahi main chod raha hun yeh ashram. Aur chod raha hun yeh, 'Baba' waali Factory. Utar dunga yeh choga.

Bunty98 - Nahi, Nahi, Andar jaa ker utariye. Yahan mat change kijiye.

Trendy Baba, apni Wig utar kar, apni mala utar kar, apni, 'I Heart Wishu' wala sticker utar, waapis Mohit ban gaye, aur nikal pade apni Journey ko, apne hi Forum se dutkare, hull-hullaye.

Mohit - Mujhe, 'Atta' chahiye. Do boriyan.

Rahul - yeh lijiye. Par aap, jaa kahan rahe hain?

Mohit, apni Trendsterpane se bahar nikalne ke liye, Music Studio pahunch gaye. Tabhi bhi, usse beech-beech mein yaad aate rehte woh pal.



"haryana (A Renowned Artist on Raj Comics Forum) wrote:


Sagar hi best hai."


Thode, Acche pal.


"amitabhkar_nit (Renowned Analyst of Raj Comics Forum) wrote:


Mohit, jeete raho. Bada, Innovative sochte ho."


Jazzy P - Welcome, hega jee. Myself, Jazzy Singh Pirate. Assi sab kuch chak layi da. Malyalam, Kannada, Telugu, Tamil, ethon tak ki jehde, 'Bhikari', Sidewalk teh baithe gaa reh hunde ne, assi taan unhan nu vi nahi bakshade. Jee, saddi Range kaafi wide hai. Huni, assi naven gaane upar kaam kar rahe hain. Huni tuhanu sunnane haan. Oye, Jassi chak de...

"Battiyan bujhai rakhdi, veh main...Yo, man pump it up. Let's show these Uncles. Main behni haan tootiyan sadakan teh, mainu siga tera intezar. Par, NGO vaalyean ne karti dher. NGO, layi taan hun main, Oye hun main khaa jaani hai macchar samajh ke Seb eh..."

Jazzy P - Oh ji, enhu assi Remix bana ke, Vadhiya Slums de vich bhejange. Uh ki hai naa, Slums de vich eh gaane kaafi Hit ho jaande ne. Teh tussi kaun?

Mohit - Sir, main Mohit hun. Aur mujhe, Show off karne ka bada shaunk hai.

Jazzy P - Ajo ji, pher taan andar langh ayo. Ik din bahut vade, B Grade Actor banoge lagda. Chalo, ji aah lo Mike, teh CHAK DOOOOOOOOOOOOOOOO.....

Abhi, Recording shuru bhi nahi huyi thi ki tabhi awaz aayi, 'SSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS'.

Jazzy P - Oye, Jassi tu pher oh Sites teh chala gaya.

Jassi - Nahi, Sir, Site band ho chuki hai. Oye dekho, Sir aah ki kar reha.

Mohit, Mike ko munh mein daale khada tha.

Jazzy P - Phitte munh, aah ki karta oye?

Mohit - Jee, Main ek bahut bada, 'Review-Eater' hun, par pichle kuch dinon se Forum par mere upar Ban lag chuka hai. Ab toh kuch bhi khaa leta hun.

Jazzy P - Chal nikal jaa ethon bahar. Dubara shakal dikhayi teh, Lips nu vada kar deyange, 'Angelina Jolie' de wangu.

Mohit, phir se dutkara huya aage badh chala. Ghoomte-ghoomte, aisi jagah pahunch gaya, jiska naam agar 6 baar lo toh Brain Failure ho sakta hai. Fame waale, Flashback abhi bhi zaari the.


"haryana wrote:


Sagar hi best hai. Vote for Sagar."


Ah, just Read On.

Toote-Foote Furniture se bana huya, Banner laga tha, jis par likha tha, "Savere Commandwa Dhrabdi Clubva, Pankhe ke Saath".

Mohit - God, I hate myself.

Andar, Important lagne waali, actual mein kuch na hone waali meeting chal rahi thi. What do these meetings mean anyway?

Kbuster - Haan toh Cadets boliye, 'I Am Somebody'. Isse bolte rahiye, aur aaj se yahin apni Posts mein likhte rahiye, phir dekhiye Instant Success for our Captain Dhruva.

Mohit - You have got to be kidding me.

Kingsatyan - Cadets, look, lagta hai Trend bhai bhi hume join karne aaye hain. Cadet Nogdev, please unhe greet karo.

Nogdev - Sir, dukaan band ho chuki hai...Mera matlab iss taraf aayie, Sir, main apke liye Gift le kar aata hun.

Mohit, akele mein baitha, apne saath laayi huyi, 'Atte' waali boriyan khaa raha tha, ki tab tak Nogdev waapis aaya.

Nogdev - Yeh lijiye, apki Cheerleading waali Dress, aur ek Pamphlet jo explain karta hai, ki Cadets ki tarah kaise Post kara jaaye.

Mohit - UWAIK.

Un, hun, Ulti kar di, woh bhi CAPS mein.

Mohit wahan se nikal bhaga. Pata nahi, bhaag kyun raha hai. Arey dekho, dekho, piche se Car aa rahi hai. Aur yeh huyi TAKKAR. Kuch bolna chahenge?

Mohit - Peeth ki haddi tut gayi.


"amitabhkar_nit (A Renowned Analyst On Raj Comics Forum) wrote:


Shabash Mohit, well done."


Mohit ki aankhein, Hospital mein khulin.

Rahul - Ab, kaise ho Baba? Ghabriye mat humne apka Blood Transfusion kara diya hai. Kuch chahiye?

Mohit - Kattu.

Rahul, bahar gaya.

Rahul - Chal, aa bhai Kattu, tujhe bula rahe hain.

Kattu andar aaya.

Mohit - Kaisa hai?

Karan - Jee, ab kya bataun, jab kuch likhta hun Forum pe, Arun Ji se yahin reply milta hai, 'Bahut accha khoon karte ho Karan'. Pehle toh, Coincidence laga, par ab toh meri, Photo dekh kar bhi yahin kehte rehte hain.

Mohit - Koi, Karan ke liye Cocaine le ke aayo. Charas, Ganza, kuch chahiye toh bolo?

Karan - Bas, woh aapse woh Hindi waala Text chahiye, jis se Harsh likh dete ho. Kuch naya toh milta hai nahi, bas har baar woh, 'N.G.O.' hi likhte rehte ho. Aur koi kaam nahi hai kya? Amitabh bhaiya ko kitni ghus de rakhi hai? Hain! Ab toh meri Copy bhi kar li meri. Apni posts mein coma laga ke, space daba ke, capital letters daal ke. Kuch, Quality hai ke nahi?

Mohit - How, old are you?

Karan - Old, enough to destroy you darling!

Mohit, bhai ki aankhein khul gayin. Unhe aakhirkaar sab samajh aa gaya. Samjha toh hum pehle hi dete, par kuch space bhi toh bharni padti hai na.

Mohit - Chalo, Asharam ki aur, waapis.

Mohit, bhai chal pade waapis, 'Trendy Baba' banne. Unki, absence ko cover karne ke liye, 'Orkut' par ek message ubhar aaya.

"Typhoid got Mohit...void" (Blogger Shree Mohit Sharma)!

टूपी - टूपी, टप - टप!

नील शर्मा के एडिटर दोस्त आये,

'नमस्ते!' बोलते ही ठंडा - गरम खाने को जीभ लप लप हुए जाए.

अब पूछेंगे सब का बायोडाटा,

अरे, कोई समझायो इन्हें, खुद का लड़का पांचवीं फेल फिर भी दूसरों का ही छापना होता है परचा.



फटाक से बोल पड़े, 'कहाँ है आपका छोटा बेटा?'

'जी, वो कविता लिख रहा है', आया जवाब,

'उसकी उम्र क्या है?'

'अभी ६ के हुए हैं छोटे नवाब!'

'क्लास में भी आता है फर्स्ट या कविता लिखना ही है उसका इंटरेस्ट?'

'जी, उसे तो ना द्राविड या दादा बनने की है चिंता...

लोलीपोप मुंह में दबाये लिखता रहता है कविता!'

'यह तो हो गया ज़ाकिर हुसैन वाला 'वाह',

'जी, काहे का वाह, कविता लिख - लिख १० - १५ कापियां हैं भर डाली..

और, प्रेशर के टाइम में भी कॉपी उठा कर चला जाता है शुरू करने पानी का प्रवाह...

अब, नितिन को कौन समझाए...

गिल्ली - डंडे से किसी की आँख न फोड़े, ना पतंग के पेचे लड़ाए!'

'शर्मा इतना भी मत बनो शय - शय,

तेरे घर फरहान अख्तर है बैठा,

फिर भी तुझ जैसा जावेद युस ना करे दये,

अब, तू मस्त होकर पि बौर्न - विटा,

कल, तेरी तन और मन की शक्ति बढ़ाएगा वाई - फाई.'



रविवार के दिन ६ बजे ही नील शर्मा के घर इक्कठा हो गया मीडिया,

शर्मा जी, ने दरवाज़ा खोला और मीडिया को भागने का ढूंढने लगे आईडिया.

'यहाँ, लंगर होने वाला है या है यह भक्तों की टोली,

थोड़े कूल - कूल होकर आयो, बाथरूम जाने की मेरी अब आई है बारी!'

मीडिया वालों ने खुला दरवाज़ा देख कर अन्दर धावा बोला,

बम - बम बोलते उनके पीछे जा रहे शर्मा जी का दिल रिंगा - रिंगा डोला.



लो, जिस महान पोएट को ना जागने के लिए शर्मा साहब सबको इशारा कर रहे थे की बोलो आहिस्ता....

वो, नितिन शर्मा ने तो शुरू कर दी थी अपनी कविता.



अब, शुरू होंगे मीडिया के सवाल,

नील शर्मा जी के लाल - लाल हुए जाएँ गाल.

इससे, पहले पूछा जाता कोई सवाल..

नितिन ने मुंह में डाल लिया लोलीपोप, और बोला.

'ओ अंकलों मुझे किड्नाप करने आये हो?...जल्दी, करो पर पहले मेरा स्कूल बैग उठा लो!'

'बेटा, इमरान का करियर लुटने के बाद, आमिर ने हम से रनबीर की किड्नापिंग की शपथ है खिलवायी....

तुम्हे कविता लिखनी कबसे आई?'

'ऐसे, बेतुके शब्दों को फिर से जोड़ कर अगर बनाया तुम अंकलों ने सेंटेंस...

निरूपा रॉय की कसम, तोड़ दूंगा तुम्हारे तेलेविसीन सेट कूद के तुम्हारी फेन्स!'

'मगर.....'

'कविता के बारे में जानना ही है तो लोलीपोप का लायो डब्बा..

साइड, हटो मुझे जाने दो बाथरूम विद माय डब्बा!'



नितिन की लोलिपोपों की लोटरी लग गयी,

और फिर नितिन बोल ही उठा...

'अरे, अंकल्स कविता मेरी कविता का नहीं मेरी गर्लफ्रेंड का नाम है...

ये, आदात मुझे मुकेश भैया ने है डाली,

क्यूँ की उनकी गर्लफ्रेंड का नाम है दीपाली.

पर, आप लोगों ने मेरी लोलीपोप की लोटरी लगा दी,

लो, एक कॉपी ले जायो,

इस में मैंने कविता है भरी हुयी,

अगली, बार आयोगे तो ले के आने तंदूरी नान के साथ चिकेन बिरयानी!'

Sharma Ji Ka Badla

Aaj, Municiplaity Nigam, ka naya-naya uadghatan tha. Sab, Newly Appointed Untrained Workers, ko muft mein, kulche chole khaane ko mile...Isiliye, Municipality Office ke bahar waale, 'Solo' Bathroom mein kaafi lambi line lagi thi..


"Hatiye - Hatiye...Raasta dijiye...V.I.P. bande, ko Municipality ka Bathroom todne ki choot, Juniors se pehle milti hai...Gadhe, hatne ko keh raha hun..Aur tu yahin, Phatna chahta hai...Aayie, Sharma Ji.."


Haal, hi mein bharti huye, Juniors ke beech kaafi khusar-pusar chal rahi thi.


"Bawa, yeh Sharma Ji kaun hain?"


"Beta, yeh Ghus lene waale, Municipality Karamchariyon ke liye ek, 'Legend' hain...Jab, yeh Municipality mein lage the..Tab ek, Kulche Waale ne, inhe, Jamalghote wala Kulcha khila diya tha...Ab, Sharma Ji ka Pressure ban gaya...Unhone aaw dekha na taav, jhatt se, Municipality ke Kude waale Dibbe, mein apna kriya karam kar diya...Phir, Sharma Ji ne pran liya ki, apni Fame waapis le kar hi chodenge..Sab se, pehle unhone ussi Kulche Waale ki Bathroom ki, Pipe tod di..Jab uske, Bathroom mein kaafi zada, Gand jama ho gaya toh, Double Paise le kar theek ki...Uske baad, Sharma Ji ki, Reign of Shame shuru huyi..Pehle, Sharma Ji, Priavate Clincon ke bahar ghumte rehte, Aur jab koi Beemar Mareej, Ulti kar deta..Toh ussi, Ulti ko Gift Wrap karate aur subah ko apne Doggy ke saath Morning Walk par aaye Vyakti ko thama deta..Ulti dekh kar, us bande ko bhi Ulti aa jaata..Itne hi, Time mein Sharma ji us ka Kutta utha le jaate, aur moti rakam enthte..Phir, kabhi sadak par, subah ke 3 baje hi, Naale waala Paani chidak dete, aur jab log aa kar complaint karte..Toh, Sharma Ji poora, Jackpot jeet jaate....."


Sharma Ji, ne Bathroom ka darwaza khola..Aur andar dekh kar behosh hote - hote bache.


Sharma Ji - Lagta hai yeh, Municipality waale, poora ka poora, Dinner yahin aa kar karte hain.


Sharma Ji, abhi apni Dincharya poori kar hi rahe the ki, Bazar mein ho - halla mach gaya.


"Bhaago! Maine galti se, Saand ko Kurkure khila diye hain.."


Log, aksar Cows ko, Grass khilate hain..Aur, yeh mahanubhav, ek Step aage jaana chah reh hain..Arey, Sharma ji zara darwaza kholiye..Nahi, Khol Sakte toh suniye..Saand apke, Bathroom ki aur hi aa raha hain..Aur, yeh huyi Takkar..


Sharma Ji - Bachao! Toilet mein, Bhukamp aa gaya hai.


Sab, Municipality Officers ne aa kar, Toilet ka darwaza khola.


"Yeh toh, Slumdog waala scene ho gaya."


Municipality Officers ki meeting bulayi gayi.


"Sharma Ji, Coma mein chale gaye hain..Hume, unka badla lena hi hoga..Yahan jo bhi, Untrained Juniors hain unko, Order milta hai ki woh, jald se jald, shehar ke sabhi, Bhainson ko Behosh kar yahan le aayein..Iss tarah se, Trainees ka, Test bhi ho jaayega aur..Hogi, Bhainson ki Neelami."


Untrained Juniors, Kurla ki Basti mein pahunche..jahan Yamunda, paas hi ke Park mein ghaas kha raha tha.


Yamunda - Tatti - Tatti, Ghaa teh, Thanda - Thanda Paani..Khaana - Peena, Khaa ke mainu yaad aa gayi meri nani.

"Pappe, Thok De Killa."

Pappe, ne Tranquilizer Gun, se Fire kiya..Par, kuch der baad bechara thak gaya.


Pappe - Yaar, Kambhakt par 10 darts fire karta hoon..Par uski, Poon hi nahi bolti.


Yamunda, ki Poon bol chukti thi..Aur, iska pata uske piche se aayi Gas se lag gaya tha. Untrained Juniors, se Yamunda ki, Methane Gas aur sunghi nahi gayi..Aur, Face Mask naa laane ke kaaran sab nikal gaye.....Idhar, Yamunda madmast huya apni nazarein, Basanti par tika chuka tha.


Yamunda - Basanti, main aa raha hun.


"Yamunda, Paagal Ho Gaya Hai Kya?"


Shankalu - Gadhe, mujhe chaat kar..tune mera dhram bhrasht kar diya..Aur toh, Aur meri Laal Chaddi bhi phatwa di..Guru, Bahar Niklo..Nahi, toh main basti waalon ko bata dunga ki tum saara time andar kya karte ho!


Gamraj - Oye, Kudiyan Nu Appan Chuck Deyange! Kya baat hai, Nangalu? Itna shor kyun macha rahe ho.


Shankalu - Apne, Suputar ko dekho..Apne, Daddy ke saamne khade hote huye bhi kya, Garden seench raha hai!


Yamunda, ka nishana iss baar theek laga tha, aur woh Basanti ko dekh, apni Poonch maar raha tha.


Yamunda - I Love You..Ruko, Abhi apne Father-In-Law se, tumhara Khur maangta hun..Hick...


Shankalu - Kutte, meri Basanti se door reh!


Gamraj - Shankalu yeh, Kutta nahi, Bhainsa hai..Lagta hai, Dildeep Singh ki Doga waali Art ka tumhe gehra sadma laga hai.


Yamunda - Gamraj Papa Ji, Main Basanti leni a..Hick..


Gamraj - Control your Feelings, Young Man......


Gamraj, apni baat poori bhi nahi kar paaya tha ki, Yamunda doosre Tabelon ki taraf chal pada.


"Eh, Nalaik, Eh Crack hai..Ehda, Nagraj Waala Thoda jeha Track hai..OOOOO...Balle - Balle. Shava..Balle - Balle, Shava..Eh Taan, Marjaana...Check This Out, YO...Saada Hai Nayenna...Nit Navin Bhains Fasaunda Hai...Balle - Balle, Shava."


"Gamraj, apne Bhainse ko sambhalo..Isne meri 12 Bhainson ko apni peeth par laad liya hai."


Lagta hai, Pattha Maal Iktha Kar Raha Hai!

Sukda Abs

Gamraj - Kitna, neeche gaya?


Shankalu - Guru....10kg aur ghat gaya!

Gamraj - Meri, Share Market ki body ka aaj tak profit toh huya nahi..Comics ke abhav mein wajan 20kg hi reh gaya hai...Papa Jee, isse accha mujhe 'Lijjat Papad' hi bana dijiye..Khud ko khaa toh sakunga!

Shankalu - Guru, mujhe ab pata chala Yamunda tumhari taraf itna ghurta kyun hai..Isse accha toh tum apne liye ek, Striped Kaccha maang lo. Socho, Basti mein kabhi kisi ne do Kacchadhari Character nahi dekhe honge. Hum...Kacchadhari Brothers ki dhaak jam jaayegi...Phir, kuch samay ke baad hum Yamunda ko bhi Tambu se ek Kaccha sil denge. Basti, mein 'Kaale Kacchadhari Trio' ki dahshat phail jaayegi...Zara, socho Guru.

Gamraj - Nangalu....Ahm! Shankalu yeh sab tab theek tha jub humare General Issues nikalte the. Mujhe, phir se waapis aane ke liye kuch chahiye...Jaise, Doga Artwork mein dabe hokar bhi ab tak ventilator se chal raha hai.

Shankalu - Guru, main potty kar ke aaya. Zara, rukna!

Shankalu, 1 ghante baad aaya.

Shankalu - Guru, maine Bathroom mein jaa kar yeh research kar li hai ki tum mein woh kya nahi hai jo, Dropped Heroes tak mein hai...Yahan, tak ki Shakti mein bhi hai!

Gamraj - Copied Character hona?

Shankalu - Nahi, Guru...Abs..Ab, dekho jab Tiranga apni Comic ke Climax mein Jabkatre ya Chenchor bane Bhikhari ki chehre se mask utarta hai toh woh log uski Abs, dekh kar hi apni payment latka dete hain...Gurur, isiliye toh Tiranga ab tak chalta raha..Guru, main to kehta hun iss baar Lion Gym se accha tum yahin mere, 'Tuhada Surkhi Laal Kaccha Gym' mein training shuru kar do..Lo, Guru main Doga ki purani Comics ka Narration bhi shuru kar deta hun.

Aur, Narration shuru huya.

Shankalu - Apni, dincharya permanent rakhne ke liye Doga ne pehli Push-Up maarna shuru kiya.

Gamraj, Push-Up position mein aa gaya.

Shankalu - Doga, aadhe distance mein hi pahuncha tha ki uske munh se bhayankar awaz nikli, 'HUMF'.

Gamraj - HUMRAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA............

Shankalu - Arey, nahi Guru tum toh Antakshari khelne lagey.

Gamraj - Bade Vaaman, tu meri peeth par chal raha hai.

Shankalu - Sorry, Guru woh Doga ki comic padh kar mere andar ka He-Man jaag jaata hai...Tum, Continue karo...HUMF ko dobara dohrayo.

Gamraj - HUMKAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA............Yamunda, ne kaat liya!

Shankalu - Guru, ghabrayo mat Rabies ke injection nahi lagwane padenge...Woh, kutte jaise Doga ke paas aate hain...Toh, effect dene ke liye Yamunda ko maine hi bola tha..Aahista kaatna tha, Saand!

Gamraj - Chele, tu toh mera Raag Peeda - Padi baja raha hai. Yeh, sab mujh se nahi hoga...Aur, dekho mujhe toh paseena bhi aa gaya..Mere, andar ek ajab sa kampan ho raha hai.

Shankalu - Guru, woh toh jo tum apni Comic band hone ke baad afeem leni shuru kar di thi. Woh, kampan ussi ke khatam hone ka nateeja hai. Guru, aisa karo phir se apne kapdon mein rui bhar lo.

Gamraj - Aur, Abs?

Shankalu - Guru, itney kum samay mein Abs toh Spray - Paint kar ke hi mil sakte hain..Picchle hi hafte, Basanti ne taaza - taaza gobar diya tha..Maine, ussi se Spray - Paint bana liya tha. Aur, kaamchuran, kajal, hair blackner jaise aur product bhi. Socha, tha Super Heroes ko bech kar unki Comics ka satyanash karunga. Par, jo Artwork kar raha hai, uske liye hum apna Fresh Gobar kyun barbad karein. Global Warming ko kum karne ke liye, Kurla Basti hi toh sab kuch kar rahi hai.

Shankalu ki ghanton ki ba mashakkat ke baad, spray - paint dwara Abs bana diye gaye. Aur, Gamraj ne apne shirt aur pant mein rui bhar kar taiyari kar li.

Shankalu - Bhainson aur Purple prajati ke Bhainson...pesh hai..Weighing ina 20.5 Kg..One - Half of The Kacchadhari Brothers Duo...Kurla ke Tabelon ka Rambo..Balra...Gamraj..Please Khur maarein!

Tabhi, Yamunda ne Slumdog waala scene kar diya.

Shankalu - Lo, Guru tumhari Abs ka Yamunda ne udghatan kar diya.

Gamraj - Shankalu, hume meri return ko aur meri Abs development ko highlight karne ke liye ek function rakhna chahiye.

Shankalu - Sahi, baat hai Guru!...Main abhi WTS fame Lalit Jee se tumhare Promotional Artwork ki baat karta hun.

Gamraj - Yaar, main toh pehle hi single pasli hun...Lalit Jee ne draw kar diya toh mere toh baal bhi nahi bachenge!

Shankalu - Toh, Guru Dhruva ki Comics waale Artist kaise rahenge?

Gamraj - Hahahahahahahahaha................Shankalu, tune toh meri Spray - Painted Abs ke bhi ansu nikaal diye.

Shankalu - Chalo, Guru Artwork chodo. Hum, event organise karte hain...Par, Doga ko mat bulana Guru, kahin pichli baar ki tarah tumhari rui na nikaal de.

Event Organise ho gaya aur sab Super Heroes aane lage. Gamraj aur Shankalu sabhi Heroes ko receive karne khade ho gaye.

Shankalu - Guru, Fighter Toads aa gaye!

Gamraj - Dafa, ho jaayo yahan se..Kahin, mere Yamraj Papa ko hi apna naya Toad Dev na bana lo...Yahan, par koi bhola - bhola nahi hai..Par, agar na nikle toh meri gazab ki Abs tumhe laat maar kar nikalengi.

Fighter Toads - Jaate hain...Hum toh tumhe tumhari Comics ke girte prabhav ke kaaran Adopt karne aaye the...Par, yeh jo 6 naye type ke macchar apni chaati par laga kar ghum rahe ho..Usse zada badhiya macchar, Nagraj ke paas hain. Hunh!

Shankalu - Guru, tumhari Abs ko macchar bol gaye...Khush, ho jaayo Guru main toh ek hi jhatke mein sabse badhiya Absartist ban gaya....Chalo, Next!

Parirakshak Bhokal - Aa Gu N Gu Bulap Ab Gat Ak Bha..........

Gamraj - Lagta hai, apne lagataar failures' se tumhe shock lag gaya hai. Jaayo, andar langar khaa lena.

Shankalu - Guru, aise toh poori raat guzar jaayegi..Phir, Abs kisse dikhaoge..Tum, Punjabi gaana lagwa do...Aane waale Heroes aate rahenge..Hum, apna event shuru kartey hain...Aur, Harpal tu shuru hoja.

'Daaru pini...Murge khaane...Shaunk Awale Ne...Jaatan De Putt Abs ugana...Chahunde kalle ne....Haye...Abs, ugande kallam - kalle ne...Evein kisi di majal joh enhan vall nazar laga je kalle hoye.....Assi, taan Abs de upar bitha ke macchar challe ne...Haye...Oye, sun Doge Oye.....'

Shankalu - Present Heroes aur Dropped Heroes, pesh hain mere Guru, Gamraj..Taadiyan.

Gamraj ne aa kar apni muscles aur abs ki pardarshani shuru kar di..Gamraj, Flex karta gaya aur Super Heroes Bowled hote gaye. Pandrah minute baad Gamraj ne break li.

Shankalu - Toh, kya khyaal hai aap logon ka.

Koi, kuch nahi bola! Tiranga sabsey pehle utha aur stage ke upar aa kar Gamraj ke pair chu liye.

Tiranga - Bolo, Pappe Gamraj Di.........

Heroes - Abs!

Tiranga - Aur, zor se!

Heroes - Tune, bulaya Abs vaaleya...Main taan Nagraj da sapp gale ch paaleya....Hai, kaun hai Abs da Artist Laaleya....Assi, taan Dhruva da Filter tere charanan ch paa leya...Saanu, tu Abs da daan de Jhuley Vaaleya.....Assi, Doga Da Aritst change karwa leya...Hoye.

Shankalu - Aur, zor se...Sab log chadawa bhi daalte jaayo...Yahan, Basanti ke saamne chadawa daal do...Tumhe, manchahi Abs prapat hongi!

Tiranga - Pappe Gamraj, main sabhi Dropped Heroes ki taraf se request karta hun ki hume apna Side - Character bana lein!

Nagraj - Haan, main bhi Side - Character banunga.

Dhruva - Main bhi...Par, ek baar phir se apne Abs Flex kar dijiye. Main, Parmanu ko apney liye notes likhwana bhul gaya tha.

Gamraj, ne Abs ki Flex shuru ki. Stage, ke peeche Yamunda ne apni Comics band hone ke baad joh apna System rok kar rakha tha , woh usse Clear karne mein lag gaya. Paanch minute mein hi Yamunda ki Gobar ki sughandh har jagah phail gayi.

Nagraj - Arey, Gamraj ke Abs ke paseene ki smell se Dhruva behosh ho gaya.

Shankalu - Guru, ruk jaayo! Controversy shuru hone waali hai.

Parmanu - Meri, toh naak mein Filter bhi nahi hai.

Shakti - Nirbhay ho jaayo! Main apni ushma se........Haing........Mujhe, koi zaroori kaam yaad aa gaya.

Nagraj - Sheetnagkumar, Saudangi, Nagu! Bahar aayo.

Sheetnagkumar - Sorry, Nagraj! Main, Constipation waale environment mein bahar nahi aata.

Nagu - Mujhe, kyun bula raha hai...Apney, Dangi aur 'Kumar Gaurav' ko hi bula! Waise, bhi tumhe toh Nagfani Sarp samay - samay par shaktiyaan dete rehte hain...Ab, unhi se maangiyo!

Parmanu - Anthony, tumhi kuch karo...Iss, Abs ke paseene ki smell se garmi badh rahi hai!

Anthony - Thehro! Main apni Thandi Aag se Gamraj ki Abs theek karta hun.

Anthony, ne apni zulfon ko hata kar ek bada hi sateek waar kiya.

Shankalu - Guru, utho tumhari Abs waala Spray - Paint toh utar gaya!

Tiranga - Hain! Lagta hai Pappe Gamraj ki Abs ko Peeliya ho gaya hai...Suna hai, yeh chune se phailta hai...Sab, apni Abs bachao...Agar, yeh kisi ki Abs ko lag gaya toh sab Comics mein zadatar time bathroom mein hi bitate nazar aayoge.

Anthony - Chal, aa Prince! Humari kabr mein toh Bathroom bhi nahi hai...Hum, apni Abs, bachayein!

Nagraj - Isiliye, Gamraj apni Abs chupane ke liye peeli shirt pehenta hai...Bhaago, sab!

5 minute mein poora function khaali ho gaya.

Shankalu - Guru utho! Ab, Abs toh nahi ban paaye...Abhi, bhi Kacchadhari Brothers waal idea hai.

Gamraj ka munh band ho gaya.

Sunday, August 15, 2010

Doga ki Shaadi ka Card! :)



Ye hai Doga ki Shaai ka Card (2007).

Doga-Run (Doga ki Shaadi) Part 2

DOGARUN (PART-3)

TWIST KAAND -

DOGA - Mujhey Bhook lag rahi hai,dekho sab kaisey chida-chida kar kha rahey hai.

CHEETAH - Doga, dulha - dulhan sabkey baad mey khana khaatey hai.

DOGA NEY APNI KUTTA FAUJ KAY SADASYO KO BIJLI KATNEY KA INTEZAAM KARNEY KA AADESH DIYA AUR BIJLI KAY KAT TEY HI DOGA BINA PLATE APNA PAIT BHARNEY LAAGA.

DOGA (mann hi mann mai) - "he he he...............isey kehtey hai andherey ka faida."

DOGA APNA PAIT BHARKAR WAPAS APNI SEAT PAR AA GAYA.
BIJLI DOBARA AANEY PAR-

VISARPI - Nagraj, koi hum sab ladkiyo ko chaid raha tha andherey mey, usney humara khana bhi cheen liya.

NAGRAJ - Tum chillai kyu nahi ?

VISARPI - Wo mujhey laga ki.......he he......tum thay.

JANE - Mera to usney haath hi pakad liya....

KOBI - Kya......To wo tum thi, tumhara haath to mai roz hi......oooh ye mainey kya keh diya.

SABNEY KOBI KO GHAIR LIYA.

KOBI - Hey Bheriya devta madad.

AAKASHVAANI - "Beta aisey kaam karney kay baad pitney ka pravdhaan hai, Madad ka nahi."

KOBI KI PITAI KAY BAAD SAB PHIR SAY SAMANYA HO GAYA KI TABHI DOGA KI CHEEK NIKAL PADI.

DOGA - Monica kaha hai, power cut sey pehley to wo yahi thi.

SAB ACHAMBHIT KHADEY THAY.

DOGA - Ummhu........hu hu hu.......mummy..........meri dulhan bhaag gayi.

SHAKTI - Chinta mat karo mai divya drashti sey dekti hu ki Monica kaha gayi.

THODI DAIR BAAD,

SHAKTI - Monica ak uncle ji kay saath bhaag rahi hai, mai dono ko pakadkar laati hu.

DOGA - Yahi din dekhna baaki tha.........Unkalo kay saath baghna reh gaya tha, cheetah kya usney "NISHABD" dekh li thi ?

SHAKTI UNN DONO PAKADKAR LAAYI-

SHAKTI - UUFFFFFFFF.........badey haath pair chala rahey thay ye uncle ji,
ak do mukey maarey tab jaakar control kiya inhey.

DOGA - Arrey ye to..........ye to.........ARUN JI hai :shock: :shock:.

SAB AK SAATH BOLEY-

"KYA ARUN JI AAP"

SHAKTI - Arrey baap rey mere forum mey to waise hi kum pots hoti hai, Arun ji ko peetney kay baad mera kya hoga.

DOGA-Arun ji aapney aisa kyu kiya ?

ARUN JI ?

{QUOTE DOGA}-
"Arrey ye to.....................................ye to ARUN JI hai."

He he, ha doga mai Arun hi hu.

{QUOTE DOGA}-
"Arun ji aapney aisa kyu kiya ?"

Mainey kuch nahi kiya,mainey to bas ak topic banaya tha ki
"KYA MONICA KI ZINDAGI MAI KOI AUR LADKA AA SAKTA HAI ?"
Tab Monica ney mujhey aaproach kiya aur mainey uskey liye kuch ladkey bhi dhoond liye hai........aagey ki kahani to aap log jaantey hi hai."

DOGA - Aap khana vaana kha kar jao..........mere baarey mey kuch galat mat post karna............jaaney do inhey dosto.......he.....he...he.
monica tumsey mai baad mai nipat ta hu.

ARUN JI MAUKEY KI NAZAKAT KO PEHCHAN KAR KHISAK LIYE,

MONICA - Arrey.......Arun ji......kaha jaa rahey hai.......mujhey bachaiye.


DOGARUN (PART - 4)

VIDAAI KAAND -


"Happy Birthday to you...........Happy Birthday to dear Doga..........Happy Birthday to you."

DOGA - AAAAAAAA.........HUH...... Thank you Fujo Baba........Kobi inhey khana khilvao.

FUJO BABA - Cake kat gaya kya.......? Dekh mai tere liye kya laaya hu Madhumakhiyo ka tazaa toda hua chhatta.........arrey....le.....le na sharma mat.Mujhey to cake khana hai.

KOBI - Aaiye baba yaha sab milta hai......par poochney par koi batata nahi hai.

TIRANGA - Doga.......mere dost........kaisa hai tu,mai to theek hu,aagey samachar ye hai ki..........

DOGA - Ye letter kyu likh raha hai, seedhey-seedhey bata kaun hai tu.

TIRANGA - Doga.........ak to mai waisey hi gussey mai hu.......bahar tera darbaan pooch raha tha ki kaun hai aap RAJ COMICS kay to lag nahi rahey MANOJ kay hai YA TULSI kay................DIAMOND nay naya hero launch to nahi kiya. Aur yaha tu mazak karney laga.

DOGA - Mai mazak nahi kar raha hu,kaun ho tum bhai......Captain America kay door kay rishteydaar lag rahey ho.

DOGA SE ITNA SUNTEY HI TIRANGA COMA MAI JAA CHUKA THA.
KHANA CHODD KAR JAANEY KAY MOOD Mey KOI NAHI THA.
USSEY PEECHEY PADI KHALI KURSIYO PAR LITA DIYA GAYA.

FUJO BABA(Tiranga ki halat dekh kar) - Isney zyada Cake kha liya kya ?

ADRAK CHAHCHA - THEHRO.................RUKO.......

TIRANGA (mann hi mann mai) - Aur kitna ruku ?

ADRAK CHACHA - Ye shaadi nahi ho sakti............mai ye shaadi nahi honay dunga.

DOGA - Kyu.........mai to 42.......mera matlab 21 saal ka ho chuka hu.

ADRAK CHACHA - Humarey saath dokha hua hai........Cheetah ney humey dokha diya.........

PARMANU - Accha hua humney khana iss lafdey sey pehley khaa liya.

CHEETAH - Mainey kya kiya Adrak chacha ?

ADRAK CHACHA- Kya kiya...........arrey tumney kya nahi kiya ? Dahej mey humsey kya kaha tha aur diya kya,

AMBASSADOR KA 1948 WAALA PEHLA MODEL, AK CYCLE JISMEY MOTOR LAGI HAI. REFREGERATOR JO SIRF SARDIYO MEY THADAA PAANI DETA HAI. AK AISA YANTRA JO LAGTA T.V. JAISA HAI PAR KAAM RADIO WAALEY KARTA HAI. AIR CONDITIONER JO AGAR 5 MINUTES SEY ZYADA HAWA KO "CONDITION" KAR DE TO WAHA BAITHEY LOG COMA KI "CONDITION" MAI CHALEY JAAYEY HAI. JAIWAR AUR GEHNEY JO DOOR AUR PAAS DONO SEY NAKLI LAGTEY HAI. AUR INN SABHI HEROES MAI SEY KISI NAY 11 RUPAYE SEY ZYADA KA LIFAFA NAHI DIYA HAI.

CHEETAH - To ab kya ye shaadi honay ka koi tareka nahi hai ?

ADRAK CHACHA - Ak tareka hai, tum Doga ko "GHAR JAMAI" bana lo.

CHEETAH - Nahi............mai iss SAAND ki diet ka paisa kaha sey launga.

ADRAK CHACHA - Hum char chacha bhi to parehsaan hai iss SAAND se........kuch kamata to hai nahi roz nayi musibat aur le aata hai, din raat sewer ki badboo aur sunghata hai.Iss Doga ka koi hal nahi nikal raha.

MONICA - Adrak chacha aap issey wahi chodd aaiye na jaha se laaye thay............saari dikkat solve ho jayegi.

ADRAK CHACHA - Haan, ye theek rahega........issey gutter kay paas waaley kuddey daan mai daal detey hai.......chalo sab madad karo.

SABHI UPASTHIT LOG DOGA KO USSI JAGAH PAHUNCHANEY KAY LIYE AAGEY AAYE AUR DOGA KO SEAT SAMET UTTHA LIYA.

DOGA - Arrey...........choddo mujhey kaha le jaa rahey ho.......meri to aaj shaadi thi.........accha jaaney to do......

ADRAK CHACHA USS STHAN PAR AA GAYE JAHA "DOGA" YAANI SURAJ KO BACHPAN MAI ANAATH CHHODA GAYA THA.

ADRAK CHACHA - Log jagah to yahi batate hai jaha Suraj mila tha but i am not sure ki ussey SEWER mai chhoda gaya tha yaa KUDEYDAAN mai.

MONICA - Issey gutter mai daal do.........roz ghumta hai, aadat hai issey.
Adjust kar lega.

SHOR SUNKAR FIGHTER TOADS SEWER SE BAHAR AA GAYE.

FIGHTER TOADS (ak saath) - Hum Doga ko adopt karna chahtey hai.

ADRAK CHACHA - Wah.........wah.....lo........Doga tumhey char naye guardians mil gaye.....HUMEY TO CHACHA BOLTEY THAY LEKIN INHEY PAPA BOLNA. CHALO APNEY NAYE PAPAO KO NAMASTEY KARO.......

DOGA - "NAMASTEY PAPAO"......UMMMHU HU HU HU.......UMMM....HUUMHUHU

CUTTERR - Alley le beta rotey nahi........hum tumhey "ACCHA" khana khilayegey.

MONICA - Hello Arun ji.........kaam ho gaya, aap jaldi aaiye.

Samapt!!!

Doga-Run (Doga ki Shaadi) Part 1

DOGA RUN (DOGA KI SHAADI)

(BAARAAT KAAND) -

AAJ DOGA KI SHAADI HAI JISMEY ESPECIALLY
SAAREY HEROES AUR SIDE CHARACTERS INVITED HAI
AUR BAARAAT JAA RAHI HAI
LOMDI YAANI MONICA KAY GHAR PAR.
SAAREY HEROES MASTI MAI NAACH RAHEY HAI

DHRUV - Aaha aaj mere yaar ki shaadi hai .......hoooo..
yaar ki shaadi hai mere dildaar ki shaadi hai.....
..Oye Kobi pooch samet kar naacho
koi dhang sey naach nai paa raha hai.

BANDMASTER KO AK ANJAAN AADMI NAY ROOKA-

"chi......chi.....aye band waaley bhaiya ye lo
hazaar rupaye ki paati....
.....zara 'MONICA O MY DARLING' chala do.

BANDMASTER NEY YEH GAANA CHALAYA
AUR GAANA CHALTEY HI DOGA JOSH MAI AAKAR
GHODI SEY UTAKAR NAACHNEY LAGA.

KUCH PALO BAAD

DOGA ZAMEEN PAR LEHRAKA GIR PADA.

NAGRAJ - Kya hua doga ko ?

PARMANU - Mai to pehley hi mana kar raha tha ki itni mat pi....
..par ye maana hi nahi.

DOGA - Arrey peet diya re......bheed mai naachtey naachtey
kisi ney laat ghusey pail diye.

NAGRAJ - Areey ye kagaz kaisa ?
mai padhta hu kya likha hai ismey.

"DOGEY MAINEY PEETA HAI TUJHEY,
LAAT GHUSO SEY BINA KAYDA,
ISSEY KEHTEY HAI UTHANA,
BHEED KA FAYDA." - Tera Apna Kaalu.

DOGA KO GLUCOSE PILAKAR
AUR USKEY KAPDEY JHAADKAR
BAARAAT PHIR NORMAL HO GAYI.
DANCE PHIR SHURU HO GAYA.

DHRUV - Areey, Nagraj naach kyu nahi rahey ho ?
ooooooooo accha
areey Band Master wo NAAGIN waali dhun bajao.
Shakti nahi dikh rahi,kaha hai wo ?

Nagraj - Ladies Sangeet mai thak gayi hogi.

INS. SEEL NACHTEY NACHTEY JOSH MAI AA GAYA
AUR GALTI SEY USNEY APNI 'MEGAGUN' CHALA DI,
DOGA KI GHODI BIDAK GAYI
AUR DOGA KO LEKAR DAUD PADI.

DHRUV - Areey koi pakdo...........roko ussey......doga
darna mat hum aa rahey hai.

GHODI DOGA KO GUTTER MAI PATAK KAR
AAGEY BADH CHUKI HI.

DOGA - Aah.......hay rey.........bhagwan.....
..wo to mujhey mainhole mai rehney aur
tehelney ki aadat hai varna aaj..........

INS.steel - Tum theek to ho doga ?

DOGA - Aah.......hai rey steel khud ki shaadi
nahi ho rahi to doosro ko to karney de.
Aaiy bhai koi leke jao issey............
mai shaadi kay din kisi ka khoon nahi karna chahta.

PARMANU - Maaf kar do usey doga, ghodi to gayi....
..lekin koi baat nahi, Doga tum generator waaley rikshay par baith jao.

KOBI AUR STEEL KO KONEY MAI NAACHNE KO KEHKAR
BAARAAT PHIR SAMANYA HO GAYI.

PARMANU - Baarat itni dheerey kyu chal rahi hai,doga :?:

DOGA - Aagey meri kutta fauj naach rahi hai naa,isliye.

BAARAT TO DHEEREY CHAL RAHI THI
PAR HAR HERO POOREY JOSH MAI NAACH RAHA THA,
DOGA GENERATOR WAALEY RIKHSHEY PAR SEHMA BAITHA THA.
NAACHTEY NAACHTEY PARMANU KA PAIR
KUTTA FAUJ KAY SADASYA DWARA KI GAYI POTTY PAR PAD
GAYA AUR SAMBHALNEY KAY CHAKKAR MEY
USKA HAATH BELT KAY BLAST WAALEY BUTTON PAR PAD GAYA.
AUR DOGA KA RIKSHA PARMANU BLAST SEY UDD GAYA.

NAGRAJ - Oooooooh no, Doga to blast mey gayab ho gaya, shukr hai jo generator rikhsey par rakha tha wo abhi tak chal raha hai.

THODI DAIR BAAD HAR KOI DOGA KO DHUNDH RAHA THA-

KOBI- Doga...........Doga tum kahan ho...........
...ho bhi ya chale gaye.
Ab doga nahi mil raha iska matlab baarat wapas chali jayegi,
nahi mai aisa nahi honay dunga
monica se mai shaadi karney ko tayar hu.........
...mai jane ka balidaan de sakta hu.

DOGA - Mai yaha hu...........paid par latka hu.....
....Kobi chup kar.......mai shaadi kiye bina nahi marunga........hai ram..........maar daala.....kisi aur ko bhi apni bhadaas nikalni ho to nikal le.

ITNA KEHTEY HI ANTHONY KAY KAUWEY
PRINCE NAY DOGA KAY UPAR BEAT KAR DI.

DOGA - Mujhey maaf kar do,
mai court marriage kar lunga........mujhey jaaney do.
Agar dost aisey hai to dushmano ki zarurat kisey hai?

DHRUV - Doga himmat mat haaro hum log
pahunchney hi waaley hai.


DOGARUN (PART-2)

BHOJ KAAND -


"Lo abhi to itna naach kar aaye hai aur ladki waalo ney DJ lagwa rakha hai."

DOGA - Naaaa...Nahi nacho mat........uskey alawa kuch bhi kar lo.

SABHI DJ PAR DANCE KARNEY UTREY HI THAY KI TABHI-

"kadaaaaaaak kadummm karat dhadaaaam"

DOGA - Ab kya hua ?

"Wo Ins. Steel kay dance floor par kadam rakhtey hi...........wo toot gaya."

Anees - Ya Allah, Amar (steel) chalo, iss sey pehley ki doga kuch kar baithey.
Waisey bhi tumhey khana to khana nahi hai.

BAARATI AB KHANA KHANEY KAY LIYE BADH CHALEY. SAB LOG CHARO AUR FHAIL GAYE JABKI KOBI PLATE LIYE CHAKKAR KAAT RAHA THA.

KOBI - Salad kaha rakha hai ?

KOI JAWAB NAHI.

NAGRAJ - Lagta hai hum log zyada naach liye, saara khana thanda ho gaya.

SHAKTI - Nirbhay ho jao! Mai abhi apni ushma sey sab garm kar deti hu.
Sabsey pehley mai iss stall sey shuru karti hu.

SHAKTI NAY USS STALL PAR APNI USHMA CHODDI.

PARMANU - SHAKTIIIIIIIIIIIIIIIIIIII........ye icecream ki stall thi, ab ye garm dhoodh ban gaya hai.

NAGRAJ - Loa issey mujhey do, mai issey waste nahi honay dunga.

KOBI - Naan aur missi roti khatam ho gayi kya ?

KOI JAWAB NAHI.

PREETIBHOJ KAY CHAKKAR MAI SUBAH SAY KISI NAY KUCH NAHI KHAYA THA. SAB IDHAR-UDHAR HABSIYO KI TARAH APNI-APNI PLATES LIYE GHUM RAHEY THAY. GAMRAJ ISS AFRA-TAFRI MEY GIR PADA AUR SABKEY PAIRO KAY NEECHEY AANEY LAGA. KOBI NAY USKO UTHAYA.

KOBI - Ye kiska Bachcha hai ?

GAMRAJ - Mai Bachcha nahi hu.

KOBI- Oh, ye kiska Papa hai ?

ADRAK CHACHA - Cheetah, itney pareshaan kyu ho ?

CHEETAH - Ye baarati heroes khud to tonn bhar kha hi rahey hai, saath mai itney side charcters laaney ki kya zaroorat thi.

JABKI FAST FOOD CORNER PAR -

NATASHA - Visarpi, tumney Sheena aur Jane kay saath itni dair sey chowmeen ki stall ghair rakhi hai.

VISARPI -Tum bhi to Richa kay saath golguppo ki stall par itni dair tak khadi thi......humney kuch kaha......huh.

DHRUV - Koi baat nahi Natasha,tum aalu tikki waali stall par chali jao.

KOBI - Sweet dish mai kya - kya hai ?

KOI JAWAB NAHI.

ANTHONY KO NA KHATA DEKH,

PARMANU - Kuch lete kyu nahi Anthony ?

ANTHONY - Nahi......mera pait kharab hai.

PARMANU - Aur Prince.....kya khayega ?

ANTHONY - Uski aadat sabki plates mai choonch marney ki hai.Dekho tumhara dahi bada le gaya.

PARMANU - Oh......no.

KOBI - Sirf, vegetarian khana bana hai kya ?

KOI JAWAB NAHI.

BAIRA - Saab, 4 feet kay 4 maindaak aaye hai khud ko safai karmchari bata rahey hai.

DOGA - Haan.....unhey saara bacha khucha, sada gala khana de dena.
ARREY Nagraj ye Dhruv naach kyu raha hai ?

NAGRAJ - Zyada kha liya hoga, ab pacha raha hai.

KOBI - Haath dhoney kay liye paani kaha hai ?

KOI JAWAB NAHI.

To be continued.....

Saturday, August 14, 2010

अंधा रक्षक

STORY ATTRIBUTES

Genre : Crime
Characters : Inspector Steel
Other Villains : Buddhipalat, Zoomba



राजनगर मे कदम रखा था एक इंटरनेशनल डॉन जुम्बा ने. जुम्बा के साथ था उसका पूरा गैंग जो राजनगर से भारत भर को लूटने और यहाँ आतंक फैलाने के अभियान की शुरुआत कर चूका था. पर जुम्बा और उसके गैंग की राह मे हर बार आ जाता था इंस्पेक्टर स्टील. उसके गैंग के बहुत से सदस्य स्टील द्वारा पकडे जा चुके थे. जुम्बा भारत और यहाँ के अपराध विनाशको से अनजान था इसलिए वो स्टील से सीधा नहीं भिड़ना चाहता था.

जुम्बा ने भारत भर मे किसी अपराधिक प्रकर्ति वाले अद्भुत शक्तिधारक इंसान की तलाश शुरू कर दी.....जुम्बा की तलाश अपने आप ही ख़त्म हो गयी जब दिल्ली से भागा बुद्धिपलट उसे राजनगर मे लोगो को अपने वश मे करके अनोखे अपराध करता मिल गया. स्टील के मौके पर पहुँचने से पहले जुम्बा बुद्धिपलट को समझा कर अपने अड्डे पर ले आया.

रास्ते मे जुम्बा ने बुद्धिपलट को अपना परिचय देते हुए उसके अतीत के बारे मे जाना.....जुम्बा को लगा की बुद्धिपलट के दम पर वो एक झटके मे स्टील नामक अपनी सबसे बड़ी समस्या से पार पा सकता है. अपने अड्डे पर ले जाने के बाद जुम्बा ने बुद्धिपलट को अपनी योजना समझाई. योजना के तहत बुद्धिपलट को स्टील के दिमाग को अपने कब्जे मे लेना था. बुद्धिपलट शहर मे अपराध करना शुरू करता है और जल्द ही स्टील उस तक पहुँचता है. योजना अनुसार बुद्धिपलट अपनी मानसिक तरंगे स्टील पर छोड़ता है.....पर उसके दिमाग पर काबू नहीं कर पाता. उसे महसूस होता है की स्टील के शरीर मे लगे "जैमर" डिवाइस से निकल रही तरंगो की वजह से उसकी मानसिक तरंगे स्टील के दिमाग तक पूरी तरह नहीं जा रही. पर बुद्धिपलट की मानसिक तरंगो की वजह से स्टील के दिमाग मे असहनीय दर्द हो रहा था. फिर भी स्टील बुद्धिपलट को जकड लेता है.....स्थिति पर नज़र रख रहा जुम्बा मौका देख कर पुलिस इन्फोर्समेंट आने से पहले बुद्धिपलट को स्टील से छुड़वा कर फरार हो जाता है.

जुम्बा की समझ मे नहीं आ रहा था की आखिर बुद्धिपलट इंस्पेक्टर स्टील को अपने कब्जे मे क्यों नहीं कर पाया. तब बुद्धिपलट ने उसे कारण बताया.

बुद्धिपलट - मैंने उसके दिमाग पर अपनी मानसिक तरंगो से कब्ज़ा करने की कई कोशिशें की लेकिन उसके शरीर से निकल रही अजीब से तरंगे मेरी तरंगो को उसके दिमाग तक पहुँचने से रोकती रही....माफ़ करना जुम्बा शायद मै तुम्हारे काम का आदमी नहीं हूँ.

जुम्बा - तुम बहुत काम के हो....इस नाकामी मे तुम्हारी कोई कमी नहीं है....ये हार हमे इसलिए मिली है क्योकि स्टील के बारे मे हम ज्यादा नहीं जानते....तुम्हारी मानसिक तरंगो मे अवरोध स्टील के शरीर मे लगे जैमर नामक यंत्र से निकल रही तरंगे पैदा कर रही थी. अब हमे योजना मे थोडा सा बदलाव करना होगा.

जुम्बा अपनी बदली हुई योजना बुद्धिपलट को समझाता है.

जुम्बा - स्टील के अन्दर से जैमर को निकलना तो नामुमकिन सा काम है पर हाँ जैमर की किरणों को कुंद किया जा सकता है....इस बीच तुम्हे अपनी किरणों से उसकी दिमागी संरचना को मेरे बताये निर्देशों के अनुसार बदलना होगा. अगर वो अब हमारा गुलाम नहीं बन सकता तो बाद मे बेबस होने पर अपने-आप हमारे तलवे चाटेगा....क्या पता वो इस बार दर्द सह ना पाए और उसके दिमाग की कोशिकाएं मृत हो जाए जिस से वो मारा जाए....दोनों ही स्थितियां हमारे पक्ष मे होंगी...हा हा हा हा....मगर मै नहीं चाहता की स्टील को बेबस करने से पहले हमारा और ज्यादा नुक्सान हो....शहर मे पुलिस और ध्रुव सक्रिय हो गए है तुम्हे भेस बदल कर स्टील तक पहुंचना होगा..चिंता मत करना मै और मेरा पूरा गैंग तुमसे ज्यादा दूर नहीं होगा.

योजना के अनुसार वो अपनी स्पेशल कार से रात्रि गश्त कर रहे इंस्पेक्टर स्टील का रास्ता रोकते है.

बुद्धिपलट - रुक जा स्टील....तेरा सफ़र अब यहीं ख़त्म होता है.

इंस्पेक्टर स्टील - मुझे उम्मीद थी की हमारा फिर से आमना-सामना होगा. पुलिस रेकॉर्ड्स मे तुम्हारे बारे मे मै सब जान चूका हूँ बुद्धिपलट. वैसे मै तुम्हारा एक बात के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ.

बुद्धिपलट - वो किस बात के लिए....?

इंस्पेक्टर स्टील - मुझसे मिलने के लिए तुमने शहर मे अपराध करने के बजाये मेरे गश्त करने के रास्ते पर इंतज़ार किया....तुम्हे अर्रेस्ट करने के बाद मै तुम्हारी सजा इस बात पर एक-दो महीने कम करवाने की सिफारिश करूँगा.

बुद्धिपलट - शहर वालो पर मै अपना असली कहर बाद मे बरपाऊंगा..अभी तो मेरा शिकार तू बनेगा.

तभी जुम्बा के गैंग का एक आदमी स्टील की तरफ एक ख़ास गन से निरंतर किरणों का वार करने लगता है और स्टील को असल दुनिया के साथ-साथ असहनीय आवाजों के साथ अजीब सी आकृतियाँ दिखने लगती है जिस से स्टील अपना ध्यान एक जगह केन्द्रित नहीं कर पाता. स्टील को एहसास होता है की उन किरणों से उसके जैमर का असर भी कम हो गया है. वो असहनीय आवाजें स्टील को अपना सर पकड़ने पर मजबूर कर देती है.

बुद्धिपलट - मैंने तो तेरे कई किस्से सुने थे इंस्पेक्टर....और तू तो मेरे वार से पहले ही बेबस हो गया.

बुद्धिपलट अपनी मानसिक किरणे स्टील पर छोड़ता है...और स्टील का दर्द तो जैसे कई गुना बढ़ जाता है....कराहता हुआ स्टील अपने मुँह के बल ज़मीन पर आ गिरता है....दिमाग पर पद रहे जोर और अत्यधिक दबाव के दर्द से तड़पता हुए स्टील का भारी-भरकम शरीर ज़मीन पर पड़ा झनझना रहा था जैसे उसे मिर्गी का दौरा पड़ा हो. सड़क से टकराते स्टील की आवाज़ बता रही थी की स्टील का दिमाग किसी भी वक़्त उसके 450 किलो वज़नी शरीर का साथ छोड़ सकता है. स्टील अपने डेशबोर्ड पर बड़ी मुश्किल से हरकत करता है और....उसकी कार जुम्बा के उस आदमी को ज़ोरदार टक्कर मारती है जो स्टील पर लगातार किरणों का वार कर रहा होता है..उसकी गन भी कार के नीचे आकर क्षतिग्रस्त हो जाती है..स्टील का दर्द कुछ कम होता है पर बुद्धिपलट अपनी मानसिक किरणे छोड़ना जारी रखता है..स्टील अपने हिलते हुए हाथो से अंदाजा लगा कर बुद्धिपलट के दोनों हाथो और पैरो पर गोलियां चलाता है....गोलियां सही निशानों पर बुद्धिपलट के दोनों हाथो और दोनों पैरो पर लगती है. बुद्धिपलट चीत्कार मार कर ज़मीन पर गिर जाता है....पर फिर भी स्टील पर किरणे छोड़ना जारी रखता है..दोनों ही दर्द से तड़प रहे होते है..स्टील सड़क पर रेंगता हुआ बुद्धिपलट तक पहुँचने की कोशिश करता है पर बुद्धिपलट उस से काफी दूर था....तब स्टील फिर अपने डेशबोर्ड पर उँगलियाँ फेरता है और उसकी कार उसके बगल मे आकर रुक जाती है....स्टील खडा होकर अपनी कार मे चढ़ नहीं सकता था....वो हाथ बढा कर कार का दरवाज़ा खोलता है और कार की सीट के नीचे हाथ फसा कर कार के साथ घिसटता हुआ बुद्धिपलट के पास पहुँचता है और उसके पास रेंगता हुआ अपनी पूरी शक्ति जुटाकर उसके सर पर अपने हथोडे से भारी हाथ का वार करता है.....बुद्धिपलट बेहोश हो जाता है....और उसके बगल मे बेजान स्टील पड़ा होता है....जिसका दिमाग शायद दबाव से अँधेरे मे डूब चूका था.

जुम्बा बुद्धिपलट तक पहुँचने की सोचता है की तभी उसे दूर से आता भारी पुलिस बल दिखता है जो शहर मे हो रहे अपराधो से पूरी तरह सक्रिय था. जुम्बा अपने गैंग के साथ वहां से फरार हो जाता है.

पुलिस ने बुद्धिपलट को गिरफ्तार कर लिया.... बाद मे हुए डाक्टरी परिक्षण मे पता चला की सर पर हुए ज़ोरदार वार से और गोलियां लगने से ज्यादा खून बह जाने की वजह से बुद्धिपलट "कोमा" मे चला गया है. स्टील को होश आया और वो अपनी डयूटी पर चला गया......ये जानकार जुम्बा निराश था की बुद्धिपलट की मानसिक तरंगो से स्टील को कुछ नहीं हुआ.

अगली सुबह बिहार से आये कुछ माफिया और गुंडे राजनगर के दो बड़े व्यापारियों का सरे-आम अपहरण करके ले जा रहे थे. उन्होंने इंस्पेक्टर स्टील के बारे मे सुना तो था पर लालच वश वो लोग राजनगर मे अपराध करने आ ही गए. वो लोग राजनगर से गुज़र ही रहे थे की उन्हें स्टील रोकता है.....अपहरणकर्ताओ के पीछे लगी पुलिस सन्तुष्ट हो जाती की की आगे स्टील ड्यूटी पर तैनात है. कुछ देर बाद सबको चौकाने वाली खबर मिलती है की अपहरणकर्ता फरार हो गए है. स्टील बताता है की उसने अपहरणकर्ताओ की गाडी को रोका और ओवर-स्पीडिंग पर चेतावनी देकर उन्हें जाने दिया. वैसे तो स्टील को इस अपहरण की सूचना वायरलेस सिस्टम से बहुत पहले दे दी गयी थी.....पर सूचना तंत्र की गडबडी मानकर इस घटना को भूला दिया गया क्योकि कोई भी ये मानने को तैयार नहीं था की इंस्पेक्टर स्टील से ऐसी गलती हो सकती है. पर अगले दिन अखबार मे इस खबर को पढ़कर जुम्बा की बांछें खिल गयी.

जुम्बा - "बुद्धिपलट ने तो अपना काम पूरा कर दिया अब मै अपना काम शुरू करता हूँ."

जुम्बा अपने गैंग के साथ बेधड़क राजनगर मे खुले-आम संगीन अपराध करने लगा जैसे उसने इंस्पेक्टर स्टील को मार दिया हो. एकसाथ इन अपराधो से राजनगर मे सभी भयभीत और स्टील की नाकामी पर चिंतित थे. अंततः जुम्बा स्टील के सामने अपने गैंग के साथ एक बैंक डकैती कर रहा होता है. पर स्टील उसे कुछ नहीं कहता और सड़क पर बिना हेलमेट के बाइक चला रहे एक युवक को रोकने मे लग जाता है. वो युवक स्टील को देख कर डर जाता है और अपनी बाइक की स्पीड तेज़ कर देता है. पर स्टील उसकी बाइक के पहियों पर गोलियां मार कर उसे गिरा देता है.....फिर स्टील उस घायल युवक को गिरफ्तार करके कागजी कार्यवाही मे लग जाता है....जबकि उसके सामने जुम्बा का गैंग डकैती को अंजाम दे रहा होता है.

बैंक डकैती की खबर पर स्थानीय थाने की पुलिस वहां आकर जुम्बा के गैंग से मुतभेड करने मे लग जाती है. पुलिस के सिपाही जुम्बा के गैंग के गुंडों के अत्याधुनिक हथियारों के आगे टिक नहीं पा रहे थे. स्टील के सामने कुछ पुलिस वाले शहीद हो गए थे पर इस सब के बीच स्टील अगली सड़क पर एक व्यक्ति से बहस करने मे लगा था.

इंस्पेक्टर स्टील - मै तुम्हारा 500 रुपयों का चालान काट रहा हूँ.

व्यक्ति - ये तो हद हो गयी....वहां डकैती पड़ रही है....मुझे इस पान की दूकान के पीछे छुपने दो वर्ना तुम्हारा तो कनस्तर वाला शरीर है..तुम्हे तो कुछ होने नहीं वाला पर मुझ पर तो गोलियां असर करेंगी....एक-दो गोलियां तो यहाँ से गुजरी भी है....

इंस्पेक्टर स्टील - क्या तुम चालान भर रहे हो?

व्यक्ति - मगर क्यों? मैंने किया क्या है?

इंस्पेक्टर स्टील - तुम सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करते हुए पकडे गए हो....

व्यक्ति - सर, मुझे सुबह-सुबह सिगरेट पीने की आदत है....मै तो कुरते-पजामे मे बिना पर्स लिए निकला था....मेरे पास तो बस 9 रुपये थे जिनकी मैंने 2 सिगरेट खरीद ली....मुझे माफ़ कर दो सर गलती हो गयी.

इंस्पेक्टर स्टील - तुम्हारे पास चालान भरने के पैसे नहीं है. मै तुम्हे गिरफ्तार करता हूँ.

अब तक वहां राजनगर पुलिस के डिप्टी कमिशनर राघव राम आ चुके थे ....जिन्हें स्थिति के बारे मे जानने मे देर नहीं लगी. वो गुस्से मे सिग्नल तोड़ने पर लोगो का चालान काट रहे स्टील के पास पहुँचते है.

राघव राम - इंस्पेक्टर, शहर भर मे लूट-पाट मची है....तुम्हारे सामने बैंक डकैती हो गयी....तुम्हारे साथी पुलिसकर्मी मारे गए और तुम यहाँ ट्रेफिक और छोटे-मोटे अपराधो को काबू कर रहे हो....

गिरफ्तार हुआ व्यक्ति - अरे सर जी मुझे तो इन्होने सिगरेट पीने पर ही पकड़ लिया.

इंस्पेक्टर स्टील - सर, बैंक डकैती, लूट-पाट, हत्या ये सब तो साधारण अपराध है. मैंने आज ही देखा की इस व्यक्ति जैसे संगीन अपराधी जगह-जगह बिना डरे अपराध कर रहे है और उन्हें पुलिस वाले भी कुछ नहीं कर रहे....इतने लोग सिग्नल तोड़ रहे है पर किसी को चिंता ही नहीं....

राघव राम - स्टील तुम पागल हो गए हो क्या.....छोडो इस आदमी को....और ये बहस हम बाद मे भी कर सकते है. इस वक़्त फरार होते जुम्बा के आदमियों को पकडो.

इंस्पेक्टर स्टील - सर, आई ऍम सॉरी, बट यू आर अंडर अर्रेस्ट....आपने एक पुलिस वाले के काम मे दखल दिया है. आपको पुलिस थाने से ज़मानत मिल जायेगी.

राघव राम - क्या? तुम्हारा दिमाग तो ठीक है....अब तो मै तुम्हे सस्पेंड करवाकर ही दम लूँगा.

इंस्पेक्टर स्टील - अभी आप मेरे साथ पुलिस स्टेशन चलिए.

इंस्पेक्टर स्टील साधारण अपराधो के तहत गिरफ्तार किये गए लोगो के साथ डिप्टी कमिशनर राघव राम को स्थानीय पुलिस थाने ले आया. उधर शहर मे जुम्बा का कहर जारी था.

स्टील की हरकतों की वजह से उसे तुंरत प्रभाव से सिविल पुलिस से हटा दिया गया. स्टील के भविष्य पर पुलिस मुख्यालय मे विचार चल रहा था. शहर भर मे अर्धसैनिक बालो की तैनाती हो गयी थी पर फिर भी जुम्बा के अपराधो मे कमी नहीं आयी थी.

उस दिन के "राजनगर दैनिक" के पहले पन्ने की मुख्य खबर.

सरफिरा हुआ राजनगर का रखवाला....

राजनगर की फ़र्ज़ की मशीन कहे जाने वाले सुपर कॉप इंस्पेक्टर स्टील के व्यव्हार मे कल अजीब सा बदलाव देखा गया. वो बड़े अपराधो को नज़रंदाज़ करते हुए मामूली अपराध मे दोषी लोगो को पकड़ने मे जी-जान से लगे हुए थे. कल शहर भर मे जुम्बा नामक अपराधी और उसके गैंग का आतंक रहा. उस गैंग के लूट-पाट, हत्या, अपहरण, जैसे कुछ संगीन अपराध तो खुद इंस्पेक्टर स्टील के सामने हुए....पर इंस्पेक्टर स्टील साधारण यातायात नियमो को तोड़ने वाले व्यक्तियों के चालान काटने मे मशगूल रहे. यहाँ तक की उनके डर से उनसे बचकर भागते बाइक सवार एक युवक की बाइक के टायरों पर इंस्पेक्टर स्टील ने गोलियां चलायी जिस वजह से संतुलन खोकर वो बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया. खबर ये भी मिली है की सार्वजनिक स्थानों पर बहस करते या धूम्रपान करते लोगो से उन्होंने भारी चालान लिया और चालान का भुगतान ना करने वालो को तुंरत गिरफ्तार कर लिया. कल की घटनाओ से शुब्ध राजनगर के डिप्टी कमिशनर श्री राघव राम ने इंस्पेक्टर स्टील को बर्खास्त करने की सिफारिश करते हुए पुलिस मुख्यालय मे अपनी रिपोर्ट सोंपी है. सम्बंधित चित्र, खबरें और इस मामले मे विशेषज्ञों की राय स्थानीय पन्ने पर देखे.

राजनगर से जुड़े हाईवे के एक सुनसान हिस्से पर एक जानी-पहचानी आकृति चहल कदमी कर रही थी. ये असमंजस मे पड़ा स्टील था जो आज रोज़ की तरह अपने गश्त नहीं कर रहा था. उसने हाईवे को शहर की भीड़ से बचने के लिए और अकेले मे एक बाद एक हो रही अजीब घटनाओ को समझने के लिए चुना था. आज पहली बार स्टील के दिमाग मे भावनाओ का सैलाब उमड़ रहा था. अपने उच्च अधिकारीयों के आदेशानुसार वो आज ड्यूटी पर नहीं था. स्टील को ये अंदेशा तो था की कहीं कुछ गड़बड़ है.....पर वो उस गड़बड़ को समझ नहीं पा रहा था. उसके दिमाग मे बार-बार ये तर्क आ रहा था जब वो अपनी जानकारी के हिसाब से अपना फ़र्ज़ ठीक तरह से निभा रहा था तो सब लोग उसे गलत क्यों कह रहे थे. स्टील इस भावनात्मक उथल-पुथल से जल्द ही बाहर आया....और पुलिस मुख्यालय को रवाना हो गया.

मुख्यालय पहुँच कर वो उसके भविष्य पर कई घंटो से विचार और बहस कर रहे अधिकारीयों के सामने पहुंचा और अपनी सफाई और प्राथना रखी.

इंस्पेक्टर स्टील - मुझे पता है की अपराध रोकने के लिए मै जो कर रहा हूँ वो काफी नहीं है.....अकसर एक अपराध रोकते हुए मुझे बताया जाता है की मै उस से कहीं बड़ा अपराध नहीं रोक रहा.....मै सिर्फ छोटे-मोटे अपराधो को रोक रहा हूँ.....कहीं कुछ गड़बड़ है....और इसका अंदेशा मुझे भी है....मुझे भारतीय संविधान, कानून व्यवस्था और आप सब मे पूरा विश्वास है...और मै हमेशा अपने देश की सेवा करना चाहता हूँ....इसलिए जब तक ये समस्या सुलझ ना जाए तब तक मुझे बर्खास्त...सस्पैंड ना किया जाए.

एक अधिकारी - तो हम क्या करे इंस्पेक्टर....हमारे पास और क्या विकल्प है?

इंस्पेक्टर स्टील - जो काम मै ठीक से कर रहा हूँ...कम से कम वो तो मै एक पुलिस अधिकारी के रूप मे कर सकता हूँ.....जब तक ये समस्या नहीं सुलझती तब तक....आप मुझे शहर की यातायात व्यवस्था और जिला न्यायलय की सुरक्षा व्यवस्था मे नियुक्त कर दीजिये.

स्टील की बात तर्कसंगत थी और वैसे भी सभी अधिकारी स्टील को इस समस्या से निपटने का अवसर देना चाहते थे. अगले दिन स्टील को सुबह से शाम जिला न्यायलय की सुरक्षा और शाम के कुछ घंटो ट्रेफिक सँभालने की खबरों से राजनगर ही नहीं देश भर के अखबार भरे हुए थे. T.V. समाचारों मे भी राजनगर की स्थिति और स्टील की नयी नियुक्तियां दिखाई जा रही थी. जुम्बा तो इन खबरों को देख कर ख़ुशी से पागल हुआ जा रहा था.


अपराधो की बाढ़ से त्रस्त राजनगर वासियों के मन मे ये सवाल कोंध रहा था की राजनगर का दूसरा रक्षक सुपर कमांडो ध्रुव कहाँ है? कमांडो फोर्स के कैडेट्स जुम्बा के असीमित गैंग से लोहा ले रहे थे पर राजनगर मे ध्रुव की गैरमौजूदगी और स्टील की नाकामी ने दूसरे इलाकों के अपराधियों को भी राजनगर की तरफ आकर्षित कर दिया था....यानी छोटी-मोटी चोरियों से लेकर बड़े संस्थानों मे लूट तक लगातार हो रहे अपराधो ने शहर की कानून व्यवस्था को चरमरा दिया था. कमांडो फोर्स का कैप्टन ध्रुव विश्व के किसी और कोने मे धरती को किसी दूसरे भयावह खतरे से बचाने मे कुछ दिनों से जुटा था....जिस वजह से वो राजनगर को जुम्बा के कहर से बचाने मे असमर्थ था. अपने कैप्टन के बिना लगातार बढ़ते अपराधो को रोकने मे जूझ रही कमांडो फोर्स का मनोबल गिरता जा रहा था.

पर शायद आज सूरज फिर से सही दिशा से निकला था.....क्योकि जुम्बा के गैंग के कुछ गुंडों से भरी वैन का पीछा ट्रेफिक इंस्पेक्टर स्टील कर रहा था. स्टील को अपने पीछे लगा देख वैन मे सवार गुंडों के होश उड़ गए....उन्होंने उस पर फायरिंग की....और जवाब मे स्टील ने अपनी सर्विस रिवोल्वर के चार फायर्स से उनकी वैन के चारो टायर्स को ऐसी हालत मे कर दिया की उनकी वैन अनियंत्रित होकर रुक गयी. वो सब अब और ज्यादा संघर्ष करने की हालत मे नहीं थे. पुलिस ने उन्हें स्टील से अपने कब्जे मे लेकर गिरफ्तार कर लिया और उन्हें राजनगर की ख़ास सुरक्षा वाली नारका जेल के पास वाले द्वीप पर बनी नारका जेल की नयी शाखा मे भेज दिया गया.

जुम्बा ने इस घटना को साधारण माना पर अपने साथियों को सलाह दी.

जुम्बा - डरने की कोई बात नहीं है....स्टील का दिमाग ठीक नहीं हुआ है. स्टील ने उन सब को इसलिए पकडा क्योकि उन्होंने सिग्नल तोडा था....तो अब से ध्यान रखना की कानून की किताब का हर कानून तोड़ो पर कोई ट्रेफिक रूल मत तोड़ना क्योकि शहर भर के ट्रेफिक पर स्टील ख़ास सी.सी.टी.वी. कैमरों से नज़र रखता है. और अगर स्टील तुम्हारे पीछे पड़ गया तो फिर सीधे नारका जेल.....राजनगर पुलिस स्टील द्वारा पकडे गए हमारे साथियों को आसानी से तोहफे के रूप मे अपनी कस्टडी मे ले लेती है.

जुम्बा ने जिस बात को नज़रंदाज़ कर दिया था आज वो उसे बहुत भारी पड़ी थी क्योकि कुछ ही घंटो के अन्दर ट्रेफिक इंस्पेक्टर स्टील ने शहर मे अपराध कर रहे उसके लगभग सारे गैंग को गिरफ्तार करके स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया था. जुम्बा तो जैसे आग बबूला हो गया था....अब उसके गैंग मे 15-20 सदस्य रह गए थे. उसकी समझ मे नहीं आ रहा था की अचानक ऐसा कैसे हो सकता है की उसकी हिदायत के बाद भी ट्रेफिक नियमो को तोड़ते उसके सारे साथी गिरफ्तार हो जाए. बाद मे उसे पता चला की उसके गैंग द्वारा अपराध मे प्रयोग मे लायी गयी गाड़ियों मे से किसी की नंबर प्लेट नहीं थी तो किसी मे सीट बेल्ट ही गायब थी.....ऐसे छोटे अपराधो के लिए स्टील ने उसके साथियों को रोका और पुलिस को सोंप दिया. यहाँ तक की जुम्बा के गैंग के ज्यादातर साथी गाड़ियों से अपराध नहीं कर रहे थे उन्हें भी किसी ना किसी ट्रेफिक नियम के उल्लंघन मे स्टील ने गिरफ्तार कर लिया.

जुम्बा अब जान चूका था की कोई स्टील के ज़रिये उसे और उसके गैंग को पकड़ने की फिराक मे है. कोई स्टील का इस्तेमाल कानून और राजनगर की रक्षा के लिए कर रहा था.....पर आखिर वो था कौन?

तभी वहां घायल हालत मे जुम्बा का एक वफ़ादार तेजा पहुँचता है. जो उसे बताता है की शहर मे अपराध को निकले उसके गैंग के गुंडों के पीछे कमांडो फोर्स के कैडेट्स लग जाते है और उन्हें किसी न किसी तरह ऐसे अपराधो मे फसा देते है जिनसे स्टील उनको पकड़ने के लिए उनके पीछे लग जाए. गैंग की गाड़ियों से नंबर प्लेट और सीट बेल्ट्स भी उन कैडेट्स ने तब गायब की थी जब सभी गुंडे लूट के लिए गाड़ियों से बाहर थे. तेजा किसी तरह पुलिस कस्टडी से भाग कर आया था. एक ही दिन मे कमांडो फोर्स द्वारा बाज़ी पलट जाने से जुम्बा तिलमिला गया था और अब उसका निशाना कमांडो फोर्स थी.

कुछ समय से आपातकालीन स्थिति के चलते कमांडो फोर्स के सदस्यों ने अपने हेडक्वाटर को ही अपना निवास बना लिया था जहाँ वो शहर मे जूनियर कैडेट्स को लगातार रेगुलेट कर रहे थे और खुद भी जुम्बा रुपी तूफ़ान का सामना कर रहे थे. स्टील द्वारा जुम्बा के गैंग के ज्यादातर गुंडे पकड़ लिए जाने के बाद राजनगर मे अपराध रुक गए थे. शायद जुम्बा भी अपनी इस हार से डर गया हो.......इन्ही सब बातों ने आज कमांडो फोर्स को थोडा फुर्सत और सांस लेने का समय दिया था. रेणु अपने घर जाने की जल्दी मे थी....क्योकि वो थोडा वक़्त अपनों के साथ आराम से बिताना चाहती थी.

रेणु अभी कमांडो फोर्स हेडक्वाटर से कुछ ही दूर आई होगी की उसपर पीछे से किसी भारी चीज़ का वार हुआ और रेणु की आँखों के सामने कुछ पालो के लिए अँधेरा छा गया. बेहोश सी होती रेणु ने अपना स्मोक फ्लेयर छोडा और उसके चारो तरफ धुआं छा गया. कुछ देर बाद जब धुआं छटा तब अर्ध-बेहोशी मे ज़मीन पर कराहती रेणु को अपने हर तरफ जुम्बा और उसके बचे हुए साथी दिखे.

जुम्बा - बड़ा अफ़सोस है मुझे की मैंने तेरे सर को डोज़ दे दी इसलिए आज तू ज्यादा उचल-कूद नहीं कर पाई. अब समय पूरा हुआ लड़की. तेरे बाकी साथियों को भी मै जल्द तेरे पास भिजवा दूंगा......

जुम्बा अपनी गन से रेणु को गोली मारने की वाला था की उसकी गन पर एक झटके से उसके हाथ से दूर जाकर गिरती है क्योकि उस गन पर ही किसी ने निशाना साध कर गोली मारी थी.

"समय तो तेरा पूरा हो चुका है, जुम्बा."

आवाज़ की दिशा मे घूमा जुम्बा सिहर उठा.

"ओह, इंस्पेक्टर स्टील...मुझे अब तक समझ जाना चाहिए था. ये सब तेरा किया धरा था....तू ठीक कब हुआ?"

इंस्पेक्टर स्टील - हाँ, ये सब मेरी और कमांडो फोर्स की सोची समझी रणनीति थी. बुद्धिपलट से दूसरी मुतभेड के बाद मुझे सभी से ये पता चला की मै बड़े अपराधो को नज़रंदाज़ कर छोटे अपराधियों को सख्ती से पकड़ रहा हूँ. जबकि मेरे बाकी fuctions सही काम कर रहे थे. मुझे समझ नहीं आ रहा था की मेरे शरीर मे या दिमाग मे ऐसी क्या कमी है....जो मेरे अलावा सबको दिख रही है? इस गड़बड़ को ठीक करने के लिए मुझे समय चाहिए था और इसका हल था की मै अपने दिमाग की सारी कानूनी जानकारी, दंड प्रावधान, भारतीय संविधान को दोबारा से समझूँ और उनका सही क्रम मे पालन करूँ क्योकि बुद्धिपलट ने मेरे इंसानी दिमागी को निशाना बनाकर उसमे दर्ज सिर्फ legal information की संरचना बदली थी ना की मशीनी शरीर की. इसलिए मैंने कुछ दिनों तक जिला न्यायालय मे ड्यूटी की. वहां हर छोटे-बड़े केस पर उपस्थित होने से धीरे धीरे मुझे कुछ दिनों मे अपराधो और उनके दंड की सही जानकारी पता चली. ट्रैफिक इंस्पेक्टर का काम मैंने कमांडो फोर्स की सलाह पर किया ताकि मै तुम्हारे जाने बिना तुम्हारे ज्यादा से ज्यादा साथियों को पकड़ सकूँ और तुम्हारी ताकत कम कर सकूँ. तेजा का तुम तक पहुंचना और रेणु का ऐसे कमांडो फोर्स से छुट्टी लेकर जाना सब तुम्हे और तुम्हारे बचे साथियों को यहाँ लाने की चाल थी. अब तुम और तुम्हारा गैंग मुझे किसी नुक्कड़ के गैंग से ज्यादा नहीं लग रहा जिस से कमांडो फोर्स का अकेला कैडेट भी निपट सकता है.

जुम्बा - थू है तुझ पे स्टील के रोबोट...कहते है अपने दुश्मन को कभी कम नहीं आंकना चाहिए....क्यों...ये तुझे अभी पता लग जाएगा.

जुम्बा के आदमी आराम से हाथ बाँध कर खड़े हो गए और जुम्बा के सामने आये पीटर, करीम, रेणु और बाकी कैडेट्स....जुम्बा के हलके वारो से ही दूर जा गिरे.

जुम्बा - आजा फ़र्ज़ की मशीन तेरे भी पुर्जे टाइट कर दूँ....हा हा हा.

इंस्पेक्टर स्टील जुम्बा की तरफ बढा और जुम्बा ने स्टील पर एक ज़ोरदार प्रहार किया जिसको देख कर सबके होश उड़ गए. जुम्बा के इस वार से इंस्पेक्टर स्टील उड़ता हुआ दूर राजनगर से सटे समुद्र मे जा गिरा...और ये नज़ारा देख कर सभी कमांडो फोर्स कैडेट्स के होंसले पस्त से हो गए.

जुम्बा - कितनी आसानी से ख़त्म कर सकता था मे स्टील को और फिर भारत के बाकी हीरोज़ को मैंने फालतू मे ही पहले यहाँ की स्थिति और इन पिद्दियों की शक्तियों को जानने मे समय नष्ट किया. ये था 450 kilo के कनस्तर को 4500 किलो के आदमी का मुक्का. मैंने अपने अन्दर ये प्रणाली विकसित की है की मै अपने सामने आये दुश्मन की शक्ति से असीमिति गुना ज्यादा शक्ति अपने शरीर मे ला सकता हूँ. ये शक्ति मुझे हवा के कणों से मिलती है. मेरे यंत्र बता रहे है की यहाँ राजनगर मे इस वक़्त हवा की लिमिट इतनी ही है यानी स्टील की शक्ति की लगभग 10 गुना और इन जोकरों की शक्ति से 80-90 गुना ज्यादा शक्ति खुद मे समेट सकूँ. अब मेरे शरीर मे ये सिस्टम तब तक Activate रहेगा जब तक कमांडो फोर्स के ये चूहे न ख़त्म हो जाए.

कमांडो फोर्स के कैडेट्स ने हार नहीं मानी थी और वो जुम्बा का ध्यान बंटाते हुए उसके सभी साथियों को घायल कर, बेहोश कर चुके थे. पर जुम्बा के सामने आने पर उन्हें पता था की वो एक हारी हुई लडाई लड़ रहे है.

जुम्बा के वारो से कैडेट्स उड़कर इमारतों, सड़क और वाहनों से टकरा रहे थे. लडते लडते कैडेट्स अधमरे हो गए...जबकि जुम्बा उनसे खेलने के मूड मे था. सड़क पर कराहते पीटर को कुचलने के लिए बढे जुम्बा पर स्टील का वार हुआ जिस से जुम्बा ठिठका.

जुम्बा - आ गए...इंस्पेक्टर साहब! देखिये आपके शहर मे कानून व्यवस्था की क्या हालत है....कमांडो फोर्स के कैडेट्स भी कुछ नहीं कर पा रहे है.

इंस्पेक्टर स्टील - इन सबको जाने दो....मुझसे लड़ो.

जुम्बा - ओह! तुमसे लडूँ. हा हा हा...ठीक है...पर एक शर्त पर, इनकी जगह अब मै तुमसे खेलूँगा...ये खिलोने तो एक दो वारो मे बोल गए...देखते है ये स्टील का झुनझुना कब तक बजता है.

जुम्बा के हलके वार कानून के उस स्टीली स्तंभ को पिचकाने लगे. स्टील का एक पैर उखाड़ दिया जुम्बा ने....अब स्टील के अंगो का संपर्क उसके दिमाग से शिथिल होता जा रहा था. करीम से ये देखा न गया और वो तेज़ गति S.U.V. कार लेकर जुम्बा से जा टकराया. जिसके धक्के से जुम्बा मलबे मे जा गिरा. उसने स्टील को समझाया...

करीम - इंस्पेक्टर! जुम्बा के अनुसार वो अपने सामने वाले दुश्मन की उर्जा की असीमित गुना उर्जा खुद मे हवा के कणों से खींच सकता है....इस समय यहाँ की हवा की सीमा तुम्हारी उर्जा से 10 गुना ज्यादा है. तुम इसके सामने मत जाओ....

इंस्पेक्टर स्टील - अरे वाह! क्या बात बताई है...अब तो मुझे उसके सामने जाना ही पड़ेगा.

स्टील ने अपनी योजना करीम को जल्दी से सुनाई.

जुम्बा - चूहों को दूर रख, स्टील....वर्ना सबको बिल मे घुस घुस कर मारूंगा. अभी तो मुझे तुझसे 'लंगड़ी' खेलनी है. उठ...

स्टील जुम्बा के सामने आया और उसने अपने डेशबोर्ड के कुछ बटन्स दबाये...और दोनों स्टील और जुम्बा बेजान शरीर ज़मीन पर आ गिरे. करीम ने तुरंत पीछे से जुम्बा की आँखों मे कुछ समय के लिए आँखों की धमनियां सिकोड़ कर अँधा कर देने वाली दवाई डाली. कमांडो फोर्स ने जुम्बा को बाँध दिया. बदहवास जुम्बा चिल्लाया.

जुम्बा - ये क्या किया तूने...ये क्या हुआ....

करीम - तुमने ही तो ख़ुशी के मारे बताया था कि तुम अपने सामने वाले दुश्मन कि असीमित गुना उर्जा हवा से ले सकते हो. पर अगर सामने वाले कि उर्जा ही शून्य हो जाए तो शून्य का असीमित गुना भी शून्य होता है. (0 * ∞ = 0) लो बातों बातों मे हमने तुम्हारे शरीर का स्कैन करके ये पता लगा लिया है कि तुम्हारी उर्जा का मूल तुम्हारे हाथ मे है जिसको हम तुम्हारे शरीर से काट देते है....जुम्बा का दाया हाथ काट दिया गया.

जुम्बा - नहीं.....आsssssss......बहुत दर्द हो रहा है...मुझे लगा तो था की एक ना एक दिन ऐसा हो सकता है...पर मै ऐसे नहीं मरूँगा पूरे राजनगर को साथ लेकर मरूँगा. मैंने अपना और अपने साथियों का Multiple Destruction Mode चला दिया है....अब 10 मिनटस के अन्दर मै और मेरे सभी साथियों की कोशिकाएं इतनी बहुगुणित हो जायेंगी की वो खतरनाक न्यूक्लिअर बमो की तरह फटकर राजनगर और आस पास के इलाकों को तबाह कर देंगे.

इतना कहते ही जुम्बा और उसके साथियों के शरीर निर्जीव होकर ज़मीन पर गिर पड़े और उन सबके शरीर चमकने लगे. स्टील अब तक खुद को सामान्य कर चूका था.

स्टील ने सारी स्थिति समझ ली थी. उसने सभी निर्जीव गुंडों को अपनी नाइलो रोप से बांध दिया. और 15 सेकंड्स बाद वो बेजान शरीर स्टील के ख़ास हेलीकाप्टर मे जा रहे थे...जिसमे नारका जेल की दिशा इंस्पेक्टर स्टील ने फीड कर दी थी.

करीम - हम इन बेजान शरीरो को यहीं नष्ट कर सकते है...

इंस्पेक्टर स्टील - ये तो कुछ नहीं, पर असली परेशानी नारका जेल मे बंद जुम्बा के साथी है. इंस्पेक्टर स्टील ने नारका जेल के जेलर और अधिकारीयों को वायरलेस संदेश भेजा.

"नारका जेल मे चमकते शरीर वाले जुम्बा गँग के गिरफ्तार बेजान सदस्यों को नारका के मुख्य द्वीप वाले जेल पर एकत्रित कीजिये और आप स्पीड बोट्स मे जेल अधिकारीयों और कैदियों को लेकर 3 मिनटस के अंदर समुद्र का रास्ता पकडिये क्योकि जल्द ही मेरा हेलीकाप्टर आपके मुख्य द्वीप से टकराएगा जिससे नारका का मुख्य द्वीप तबाह हो जाएगा. शोक-वेवस आस-पास के समुद्री इलाकों मे भी जायेंगी. जल्दी कीजिये! जब आप लोग स्पीड बोट्स पर बैठ जाए तब तुरंत मुझे तुरंत संदेश कीजिये."

नारका जेल प्रशाशन ने तेज़ी दिखाई और 2 मिनट्स 57 सेकंड्स बाद ही जेलर का संदेश स्टील को मिल गया. अब तक नारका द्वीप के चक्कर लगाता इंस्पेक्टर स्टील का ख़ास चोपर्र तुरंत ही स्टील के आदेशानुसार नारका जेल के मुख्य द्वीप वाले जेल से टकराया जिसमे जुम्बा के बेजान साथी पड़े थे. एक बड़े धमाके के साथ नारका जेल के परखच्चे उड़ गए. तीन मिनट्स और कुछ सेकंड्स गुजरने की वजह से जुम्बा द्वारा शुरू की गयी "Multiple Destruction Mode" प्रक्रिया अपने चरम तक नहीं पहुँच पायी और वो धमाका नारका जेल के आस पास के समुद्री स्थान तक सीमित रहा.

घटना के बाद कमांडो फोर्स तुरंत शहर की कानून व्यवस्था को सुधारने के काम पर लग गयी....और अपना शरीर ठीक करने के बाद, स्टील ने कुछ घंटे बाद ही अपनी ड्यूटी दोबारा ज्वाइन कर ली. स्टील को ससम्मान सारे पदक और सम्मान वापस किये गए...और उसे एक नए सम्मान विशिष्ट पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.

समाप्त!!!!!!!!