Horror Letter - लालची मौत (Deadly Deal) - Freelance Talents
...is "Celebrating (un)Common Creativity!" Fan fiction, artworks, extreme genres & smashing the formal "Fourth wall"...Join the revolution!!! - Mohit Trendster
Thursday, August 27, 2015
Tuesday, August 25, 2015
श्रीमान सुविधानुसार - मोहित शर्मा (ट्रेंडस्टर) #laghukatha
श्रीमान सुविधानुसार...वैसे तो आमजन की तरह ही हर बात में अपनी सुविधा देखते थे पर दूसरो को शॉर्टकट मारते या कुछ गलत करते हुए देख, दुख और घृणा से बड़े कायदे में सर हिलाते या आपत्ति जताते थे। हाँ, स्वयं वैसा करने पर एक बार भी खुद को नहीं रोकते और पकडे जाने पर अनेक बहाने तैयार रखते। घर पर शनिवार के दिन प्याज जैसे तामसिक पदार्थ के भूलवश खाने में आ जाने पर श्रीमती जी को कानफाडू डेसीबल्स में डांट पिलाई। रोज़मर्रा में ऐसी माइक्रोस्कोपिक गलतियां कुत्ते की चपलता से ढूंढकर बिना वजह क्लेश करने में पेशेवर थे श्री सुविधानुसार जी। चाहे वो कुछ ना बोलें, अपने किसी काम व्यस्त हों या सो रहे हो पर उनके घर में होने से श्रीमती जी का मंन परेशान ही रहता था कि ना जाने अब कौन सी बात पकड़ लें उनके पति।
ऑफिस के मित्रों संग श्रीमान गोलगप्पे खाने आये और जैसे बड़े-बुज़ुर्ग कहते है यहाँ किये गलत काम की सज़ा यहीं मिलती है। जो पहला आलू-प्याज-मसालों से भरा पानी बताशा स्वाद की लपलपाहट में श्रीमान जी ने हपक के चाबा, लाखो में एक गोलगप्पे की अतिसख्त सूजी की पापड़ी इनके तालु में ऐसे कोण पर घुसी की खून के स्वाद से भर गया इनका मुहँ। रात में इस घाव को भरने के लिए हल्दी का दूध पीने के लिए एक गिलास उठाते वक़्त वो रैक में काफी पीछे रखे गिलास पर लगी ज़रा सी बर्तन मांझने की साबुन पर श्रीमती जी को ऊँचे स्वर में कोसने लगे। फिर सुविधानुसार झूठा गिलास ज़रा सा उचक कर सिंक में रखने के बजाये रैक में ही रख दिया।
- मोहित शर्मा (ज़हन)
#mohitness #mohit_trendster #trendybaba
Friday, August 7, 2015
Desh Maange Mujhe (Kavya Comics Advert)
"Hello people,
We are going to feature a short poetic comic on our page. This is an online comic and will be free and available for all.You can read it by going on our Fb page.
Kudos to immensly talented Mohit Sharma and his co-artists for developing this unique style of comic book art.
Here we go with the first glimpse and look of "DESH MAANGE MUJHE"
The whole comic will be shared tomorrow"
— with Prince Ayush and Mohit Sharma.
एक क़र्ज़ मेरे ऊपर जो बोलता नहीं, सूखी है जिसकी आँखें मुंह खोलता नहीं।
आईने के उस पार से जो झांकता परे, खुद से किसी गिरह को पर खोलता नहीं।
ख्वाबो में जबरन झरोखे बना लिये, पहली दफा देखी बेशर्म पर्दानशीं।
दुनिया-जहान की बातों को तरजीह मिल गयी, उन तमाम बातों में वतन का नामोनिशां नहीं।
अपनी ही कश्मकश में ज़िन्दगी गुज़ार दी, मुल्क की शिकन को कोई तोलता नहीं।
इंसाफी मुजस्मा शर्मसार झुक गयी, किस्मत को कोसती मुझसे कहने लगी
पाबंदी है यह कैसी...मैं कुछ देखती नहीं और तू कुछ बोलता नहीं !
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