...is "Celebrating (un)Common Creativity!" Fan fiction, artworks, extreme genres & smashing the formal "Fourth wall"...Join the revolution!!! - Mohit Trendster
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Saturday, February 18, 2017

राजा की मिसमिसाहट (हास्य कहानी)

Digital Artwork - Andrei Militaru‎

बहुत पुरानी बात है...ऐसा लेखक को लगता है पर आप अपने हिसाब से टाइमलाइन सेट कर लो, कोई फॉर्मेलिटी वाली बात नहीं है। मैटरनल काका नाम का एक राजा था, जिसके द्वारा स्थापित पीपणीगढ़ नामक एक विशाल राज्य था, मतलब भोम्पूगढ़ जितना विशाल नहीं पर फिर भी विशाल मेगा मार्ट से बड़ा तो कहूंगा मैं! तो राजा मैटरनल काका को अपनी सेना और आम जनता को परेशान कर के बड़ा सुख मिलता था। आखिर अपने से कमज़ोर को सताने में किसे मज़ा नहीं आता? पता नहीं किसी वैद्य ने उन्हें मानसिक थेरेपी बताई थी या यह चीज़ मैटरनल ने स्वयं सोची थी। 

एक दिन मैटरनल काका रोज़ की खुराफात करने निकले थे और उन्हें टीले के पीछे एक सिर पर बड़े सलीके से काढ़े गए बाल दिखे। अचानक उनके मन में मिसमिसी छूटने लगी और उनकी उँगलियों में थिरकन मचने लगी। वो तेज़ी से उन बालो के स्वामी के पास पीछे से आये और ऐसे कोण से लात जमाई की वह व्यक्ति कलामंडी खाता हुआ नीचे जाकर गिरा। उसका शरीर मिट्टी में लोटमपोट हो गया पर उसके बाल अभी तक व्यवस्थित थे। यह बात पूर्णतावादी मैटरनल को कहाँ रास आने वाली थी? राजा ने उस भ्रमित व्यक्ति का खोपड़ा पकड़ के मिट्टी में लोटा दिया। कुछ इस तरह कि बेचारे व्यक्ति का एक-एक बाल भूरा हो जाए। 

अपनी विजय का आनंद उठाते मैटरनल काका को तब झटका लगा जब वह व्यक्ति एक सिद्ध मुनि निकला। धूलधुसरित मुनि पहले थोड़ी देर बच्चो की तरह रोये, फिर शांत होने के बाद जब वो राजा को श्राप देने को हुए तो मैटरनल अपने सैनिको के साथ वहाँ से भाग गया। उसे लगता था कि श्राप सिर्फ आमने-सामने दिया जा सकता है, ऐसा ही उसने कथाओं में सुना था। मुनि के नाक, कान, मुँह में मिट्टी भर गयी थी इसलिए वो आराम से श्राप सोच नहीं पाए और गुस्से में उन्होंने राजा के राज्य के कई गाँवो  को अजीब सा श्राप दे डाला। उस दिन के बाद से किसी गाँव में सिर्फ लड़के जन्म लेने लगे और किसी गाँव में सिर्फ लड़कियां। शुरुआत के कुछ महीने तो सब सामान्य रहा पर धीरे-धीरे लोगो को आभास हुआ कि किसी अपशगुन या श्राप के कारण राज्य के गाँवों में यह अजीब असंतुलन बढ़ रहा है। राजा के साथ रहने वाले मंत्री ने सभी घटनाओ का अवलोकन किया और पाया की मैटरनल द्वारा किसी सिद्ध व्यक्ति को परेशान करने के कारण ऐसा हो रहा है। राजा को सलाह दी गयी कि अबतक जिन सिद्ध लोगो, मुनियों को उसने परेशान किया है सबसे क्षमा मांग ले। वहीं मैटरनल काका अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था, उसने सभी गर्भवती महिलाओं, जवान युवक-युवतियों को उनके गाँव के अनुसार इस तरह चिन्हित कर बसाया कि आगे पैदा होने वाले शिशुओं में गाँव के हिसाब से निर्धारित हो रहे लिंग की बाधा ना रहे। राजा ने ऐसी अकलमंदी जीवन में पहली बार दिखाई थी और परिणाम जानने के लिए वह उत्सुक था...कुछ महीनो बाद हद हो गयी! अब राज्य में पैदा होने वाले सभी बच्चे अलैंगिक या किन्नर के रूप में पैदा होने लगे, इसलिए कहते हैं ज़्यादा ओवरस्मार्टनेस कई बार गोबरस्मार्टनेस में बदल जाती है। 

राजा हार कर सभी मुनियों के पास गया और अपनी भूली-बिसरी भूलों की क्षमा-याचना की, तब एक गंजे ऋषि ने उसे बताया कि किस तरह मैटरनल काका ने उसे पूजा करते हुए टीले से गिराया और उसे धूल-मिट्टी में लोटा दिया। राजा के मौका-ए-वारदात से भागने के बाद उसने झुंझलाहट में मैटरनल के राज्य को ऐसा श्राप दिया। उस दिन के बाद से मुनि प्रतिशोध में जलता रहा और उसने अपने सुन्दर, घने बाल राजा के पश्चयताप करने तक के लिए कटवा लिए (या शायद कुछ इतिहासकारो की माने तो उस घटना के बाद उन्हें काफी डेंड्रफ हो गई थी इसलिए बाल कटवा लिए)। अपनी बात वापस लेने और बाल दोबारा उगाने की उसकी एक ही शर्त थी...

...मुनि ने मैटरनल को पूरी शिद्दत से कीचड़, मिट्टी लोटा-लोटा के परमसुख की प्राप्ति की और अपना श्राप वापस लिया। राज्य के सभी नवजात सामान्य हुए और राजा को अपनी गलती का सबक मिला... मतलब अब वो किसी अनजान व्यक्ति का पूरा बैकग्राउंड देखकर उसे छेड़ता है। 

समाप्त!

- मोहित शर्मा ज़हन

Tuesday, March 13, 2012

*Trendy Baba Update*

An optional feature on Facebook allows people to subscribe partially/fully to anyone's updates instead of sending friend request, which people use to get celebrity updates as their multiple social accounts reach maximum friend limit in no time & for many its not possible to update their page regularly.



If someone sends you a friend request he/she automatically becomes your subscriber which not many people are not aware of. (The person sees the increasing number of his subscribers & keeps suspending new friend requests) Now, if you visit a normal profile with many subscribers that doesnt mean that the person is popular or celebrity (unless he/she is a celebrity) & people are interested in his/her updates. This indicates that the person (generally) is not accepting friend requests & not rejecting them either & thus automatically making people his/her subscribers & increasing them to show off.

Grow up Kids!

Share it! (if you like it & agree)

- Mohit Sharma (Trendy Baba)

P.S. - Subscribe & Friend Request tabs are separate.

Sunday, March 11, 2012

मोहित मिला भगवान जी (के अंश) से! [Message to Internet Users]

मोहित मिला भगवान जी (के अंश) से!




मोहित की लिखी नॉवेल का क्रेडिट उसके पब्लिशर ने किसी बड़े लेखक को दे दिया.

मोहित एक पहाड़ी पर चढ़ गया और चिल्लाया. उसकी आवाज़ वादियों मे गूंजने लगी.

"भगवान...(echo - भगवान.... भगवान.....भगवान.....भगवान......भगवान...!!!!!)
आज.....(echo - आज......आज......आज.....आज......आज........!!!!!!)
मै....(echo - मै....मै......मै......मै........!!!!!)"

उसकी आवाज़ को एक आकाशवाणी ने रोका.

"ज्यादा फुटेज मत खा...ECHO से ही तेरी फेसबुक की केरेक्टर लिमिट ख़त्म हो जायेगी. पता है हमे की तेरे किये का क्रेडिट किसी और ने ले लिया है...पर ये तो दुनिया है यहाँ copy, cheat .....सब चलता रहता है. यही जीवन के खेल है."

मोहित : "भगवान जी? इतनी जल्दी कैसे आ गये???? ये कौन मुझे भोंपू से बोलकर उल्लू बना रहा है...? आज कल कोई काम नहीं है लोगो के पास!"

{नोट - पहाड़ी पर सभी आवाजें By Default गूँज रहीं है!}

"उल्लू.. तो तुम रेडीमेड हो...मै भगवान का एक छोटा सा अंश हूँ ....मुझे पता है आज तुम्हारा व्रत है और तुम सुबह से 4 गिलास भर के चाय पी चुके हो."

मोहित : "ये बात तो सिर्फ मम्मी को पता है तो क्या...मम्मी...ऊँह-हुंह....क्या मम्मी ये कैसा मजाक है...कहाँ छुपी हो आप....आवाज़ कैसे बदल ली...अच्छा!! मेरी चाल मुझी पर...और मै इतने दिनों से नयी शर्ट खरीदवाने को कह रहा हूँ वो नहीं ली गयी...ये भोंपू खरीद लिया बिना बात के..."

"अबे ओये...मुझे ये भी पता है की पहाड़ी पर आते समय तूने खस्ता, जलेबी भी पेल दिए है...व्रत रखना नहीं आता तो क्यों स्टाइल मारते हो?"

मोहित : "खस्ता? जलेबी? ये बात तो...छी छी छी...नाथू हलवाई..मै तुम्हारा रोज़ का कस्टमर हूँ एक दिन खुले पैसे नहीं दिए तो यहाँ तक भोंपू लेके पीछा करोगे?"

"बेटा, मेरा टेस्ट मत लो...अभी बिजली कड़कड़ा दूँगा तो मिलोगे नहीं. तुमने पिछले जन्म मे तपस्या की थी पर जब हम प्रकट हुए और तुम्हे तपस्या से जगाया तो तुम हमे देख कर इतने खुश हुए...की ख़ुशी के मारे चल बसे. इसलिए हम तुम्हारी तपस्या का तेज, तुम्हारी मनोकामना इस जन्म मे फारवर्ड कर रहे है. अब भी विश्वास न हो तो आज तुमने स्किन कलर कि....या रुको आज तो तुमने अंदर.... "

मोहित : "नो....नहीं..ओके!....मै मान गया....कि आप भगवान के अंश है....मेरी इच्छा ये है की दुनिया मे रेगुलर चोरी और चीटिंग करने वाले लोगो को आप नर्क मे एक महीने का क्रेश कोर्स करवाए की वो जीवन मे फिर ऐसे काम ना करे."

"तथास्तु!"

और मोहित वापस नाथू हलवाई की दूकान पर चला गया.

अगले दिन मोहित फिर से उस पहाड़ी पर पहुँच गया था.

मोहित : "भगवान...(echo - भगवान.... भगवान.....भगवान.....भगवान......भगवान...!!!!)"

"बक! क्या कुछ बिमारी है क्या तुम्हे? तुम किसी सुनसान मंदिर नहीं आ सकते? ये सुसाइड पॉइंट है..पीछे से कोई धक्का दे देगा या तुम्हे धप्पा बोल देगा न तो तुम्हारे मरने का क्रेडिट तुम्हे ही मिलेगा इस बार, छगन भुजबल कहीं के! "

मोहित : "भगवान जी के अंश जी! दुनिया के कई लोग अचानक गायब हो गए है! वो तो ठीक है क्योकि शायद वो लोग नियमित चोरी या चीटिंग, आदि करते होंगे. पर फेसबुक, आदि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मेरे 500 से ज्यादा दोस्तों मे से 25 रह गए है....बाकियों के घर से उनके गायब होने की खबर आ रही है. क्यों?"

"क्योकी वो सब के सब कभी कबार नही बल्की अपनी UPDATES, PICS, ETC पर 'REGULARLY' पहले से Popular Songs, Quotes, Titles, Ghazals, Lines, आदी लगाते रहते थे!!!!"


.......THE END!!!!!!!!!


शिक्षा - कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती है कि आपकी खुद कि सोच बहुत खूबसूरत है. अपने शब्दो मे अपनी बात लिखीये चाहे वो "उनसे" बेहतर न हो पर ORIGINAL और आपकी अपनी तो होगी.....कभी-कभी कि बात अलग है.....मगर अक्सर दूसरो कि मेहनत पर मुफ्त कि लाईकस, कमेंट चाहना गलत है.....और छोटी हो या बडी....चोरी तो चोरी होती है...क्यों है ना?